जो जनरल ने कहा
पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने आतंकवादियों के कैंप चलाने और उन्हें ट्रेनिंग देने की बात सार्वजनिक रूप से स्वीकार की है। वह हक्कानी नेटवर्क, ओसामा बिन लादेन, अल जवाहिरी और...
पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने आतंकवादियों के कैंप चलाने और उन्हें ट्रेनिंग देने की बात सार्वजनिक रूप से स्वीकार की है। वह हक्कानी नेटवर्क, ओसामा बिन लादेन, अल जवाहिरी और हाफिज सईद को अपना और पाकिस्तान की जनता का आदर्श मानते हैं। इसके अलावा, वह कश्मीर में आतंकवादी भेजने और भारत के खिलाफ आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और इंडियन मुजाहिदीन को खड़ा करने की बात को बेबाक रूप से कबूल करते हैं। जनरल परवेज मुशर्रफ कोई आम पाकिस्तानी नागरिक तो है नहीं कि उनकी बातों पर ध्यान न दिया जाए, बल्कि वह पाकिस्तान का राष्ट्र प्रमुख और सेना प्रमुख रह चुके हैं। क्या उनकी यह स्वीकृति अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के खिलाफ आतंकी राष्ट्र होने का प्रयाप्त सबूत नहीं है? अमेरिका आतंक के खिलाफ स्वयं को सबसे बड़ा दूत प्रदर्शित करता रहा है। अमेरिका बिना ठोस सबूत के इराक और ईरान के खिलाफ सैनिक कार्रवाई कर सकता है, तो अब इस पुख्ता कबूलनामे के बाद क्या वह पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को नष्ट करेगा? क्या अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में शांति और अमन के पैरोकार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पाकिस्तान के खिलाफ कुछ कार्रवाई करेंगे? ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और अमेरिका समय-समय पर आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने के बड़े-बड़े दावे करते रहे हैं। क्या अब ये संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करवाने के लिए अपनी स्थायी सीट के प्रभाव का इस्तेमाल करेंगे?
सतप्रकाश सनोठिया, रोहिणी
परिवहन का हाल
दिल्ली में परिवहन की स्थिति देखकर अदालत ने दिल्ली में 11,000 बसें खरीदने का आदेश दिया था, मगर दिल्ली सरकार अब भी केवल 45,000 बसों का संचालन करती है। पर्याप्त फंड का अभाव बताकर दिल्ली सरकार कोर्ट को बार-बार समय-सीमा बढ़ाने की अपील करती गई। कुछ दिनों पहले 10 हजार स्टैंडर्ड बसें खरीदे जाने की घोषणा की गई, मगर अब तक फंड न होने का बहाना करके दिल्ली सरकार पूर्व की तरह प्राइवेट बसों को डीटीसी के अधीन चलाने की तैयारी में है। यह कहां तक उचित है? काफी समय बाद ब्लू लाइन को हटाकर जनता को राहत दी गई थी। फिर सरकारी बसों की खरीद क्यों नहीं हो सकती है? इसके विपरीत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने विधायक की सैलरी बढ़ाकर उन्हें मालामाल करने की योजना में हैं। सवाल उठता है कि क्या यह जनता द्वारा दिए गए टैक्स का दुरुपयोग नहीं है?
राजेंद्र सिंह रावत, कौटिल्य लेन, नई दिल्ली
पढ़ाई पर भरोसा नहीं
भारत एक नौजवान देश है और बिहार एक नौजवान प्रदेश। लेकिन बिहार के युवा निराश हैं। वे अपने भविष्य के प्रति गहन चिंता के शिकार हैं। यहां पिछले कई दशकों से शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर हुई है। प्रदेश में काम करने वाले लोग अपने बच्चों को दूसरे प्रदेशों में पढ़ने के लिए भेजते हैं। बिहार के जो लोग अन्य प्रदेशों में नौकरियां करते हैं, वे भी अपने बच्चों को पढ़ाई की खातिर बिहार में जाने नहीं देना चाहते। इससे लाखों लोग बेघर होते हैं। ऐसे में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्किल इंडिया डेवलपमेंट कार्यक्रम बिहार के युवाओं में आशा का संचार करता है।
अरविंद कुमार अग्रवाल
arvind5556@yahoo.co.in
सवाल और भी हैं
जिन परिवारों ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद में अपनों को खोया, क्या वे पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री कसूरी की पुस्तक पढ़ना चाहेंगे? क्या वे भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैचों का लुत्फ उठा पाएंगे? क्या वे गुलाम अली की गजलों पर तालियां बजा पाएंगे? नहीं न। एक तरफ सरहद पर हमारे जवानों को निशाना बनाया जाता है और दूसरी तरफ पाकिस्तान हमें वक्त-वक्त पर गीदड़भभकी देता है। कभी शहीदों के परिवारों से पूछा गया है कि उन पर क्या बीतती है?
मनोज शर्मा, श्रीनिवासपुरी, दिल्ली