सरकार पस्त अपराधी मस्त
दिल्ली में बढ़ती घटनाएं, साथ ही दिल्ली सरकार व केंद्र सरकार के बीच के मनमुटाव ने दिल्ली की जनता को पूरी तरह से बेबस बनाकर छोड़ दिया है। देश का भले ही विकास हो रहा हो, दिल्ली में आम जनता बुनियादी...
दिल्ली में बढ़ती घटनाएं, साथ ही दिल्ली सरकार व केंद्र सरकार के बीच के मनमुटाव ने दिल्ली की जनता को पूरी तरह से बेबस बनाकर छोड़ दिया है। देश का भले ही विकास हो रहा हो, दिल्ली में आम जनता बुनियादी सुविधाओं के अभाव में तड़प रही है। सड़कों पर रात में जगह-जगह अंधेरा पसरा रहता है, अस्पतालों में भीड़ व बदइंतजामी ने लोगों को परेशान कर रखा है। निजामुद्दीन बस्ती और लोधी होटल के आसपास लोग सोच रहे हैं कि हमने क्या गलती की, जिसकी सजा मिल रही है? सारे काम रुके हुए हैं और इल्जाम केेंद्र सरकार के ऊपर थोपा जा रहा है। लेकिन इल्जामों से पेट भी नहीं भरते। सरकार को लोगों की भलाई के काम पर ध्यान देना चाहिए, वरना त्रस्त जनता अब दोबारा आप पर विश्वास नहीं करेगी।
वसीम राजा
जामिया मिल्लिया इस्लामिया
जनसंख्या वृद्धि की बीमारी
घटती कृषि भूमि, बढ़ती भीड़भाड़, शहरों मेें लगने वाले लंबे जाम, बढ़ते अपराध दरअसल जनसंख्या वृृद्धि नामक 'राष्ट्रीय बीमारी' के ही कुछ लक्षण हैं। विकास के वृक्ष की जड़ों को यह बीमारी खोखला कर रही है और इस पर सारी राजनीतिक पार्टियां खामोश हैं। बढ़ती आबादी पर हर सरकार, हर पार्टी आंखें मूंदे है, और इसका आघात पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है। विकास की योजनाओं को आगे बढ़ाना है, तो देश की अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश लगाना ही होगा। इसके लिए धर्म और जाति से ऊपर उठ सबके लिए दो बच्चों का कानून होना चाहिए। दिनेश कुमार सिसोदिया, मेरठ
टेरेसा और संत उपाधि
मदर टेरेसा एक ऐसा नाम है, जिसे सुनते ही मन में सेवा का भाव उफान मारने लगता है। उनका पूरा जीवन मानव सेवा में व्यतीत हुआ और इस सेवा के बदले कभी उनके मन में कोई स्वार्थ नहीं आया। मदर की इसी सेवा, महानता और समर्पण के कारण 1979 में उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार भी दिया गया। उन्हें संत की उपाधि देने की मांग काफी वक्त से की जा रही थी। हालांकि मदर टेरेसा को संत मानने के लिए किसी उपाधि की जरूरत नहीं थी, क्योंकि उन्होंने बिना किसी भेदभाव के 70 साल तक मानव सेवा की। वे कितने तंग दिल लोग थे, जिन्होंने ऐसी महान सेवा-भाव नायिका को यह सम्मान देने में उनकी मृत्यु के बाद भी 19 वर्ष का समय लगा दिया? बहरहाल अब उन्होंने मदर को यह प्रतिष्ठा देकर अपना कद ऊंचा कर लिया है। हमें गर्व होना चाहिए कि मदर टेरेसा ने इस महान सेवा के लिए हमारे देश को चुना। अब हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि हम असहाय, गरीब लोगों की नि:स्वार्थ सेवा करें।
रिजवान रामपुरी, जेएनयू
रोशनदान भी खुले हैं
हमारे गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि हम उन सभी पक्षों से बातचीत करना चाहते हैं, जो कश्मीर में हालात को सामान्य बनाने के इच्छुक हैं। इसके लिए उनके घर के दरवाजे के साथ रोशनदान भी खुले हैं। जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई एक सरकार है, जिसकी मुखिया महबूबा मुफ्ती हैं। उन्होंने सबको बातचीत के लिए न्योता दिया था। उनके साथ राजनाथ सिंह की अगुवाई में सभी राजनीतिक दलों का एक प्रतिनिधिमंडल हुर्रियत नेताओं से मिलना चाहता था, लेकिन हुर्रियत नेताओं ने उनसे मिलने से मना कर दिया। यह अत्यंत दुखदायी स्थिति है। यह बात हुर्रियत नेताओं को समझना चाहिए कि वे पाकिस्तानी उच्चायुक्त या पाकिस्तान से आने वाले नेताओं से मिलने में तो रुचि दिखाते हैं, लेकिन हमारी संसद के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से मना करते हैं। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और उससे जुड़े सभी पहलुओं का भारतीय संविधान के दायरे में समाधान निहित है। हुर्रियत के नेताओं को यह समझना ही होगा।
नवीनचंद्र तिवारी
रोहिणी, दिल्ली