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उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आधे से ज्यादा बच्चे निजी स्कूलों में

देश में उत्तर प्रदेश समेत ऐसे छह ऐसे राज्य हैं जहां ग्रामीण क्षेत्र के पचास फीसदी से ज्यादा बच्चे निजी स्कूलों में जा रहे हैं। यह राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है। उत्तर प्रदेश में 52 फीसदी ग्रामीण...

उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आधे से ज्यादा बच्चे निजी स्कूलों में
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 19 Jan 2017 01:07 AM
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देश में उत्तर प्रदेश समेत ऐसे छह ऐसे राज्य हैं जहां ग्रामीण क्षेत्र के पचास फीसदी से ज्यादा बच्चे निजी स्कूलों में जा रहे हैं। यह राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है। उत्तर प्रदेश में 52 फीसदी ग्रामीण बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश इस मामले में केरल, हरियाणा तथा पंजाब की राह पर चलता दिख रहा है। जबकि बिहार के सिर्फ 12.9 फीसदी ग्रामीण बच्चे ही निजी स्कूलों में पढ़ते हैं।

गैर सरकारी संगठन ‘असर’ रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार देश में हालांकि 30.5 फीसदी बच्चे ही निजी स्कूलों में पढ़ते हैं। लेकिन चार बड़े एवं दो छोटे राज्यों में यह प्रतिशत 50 पार कर गया है। हरियाणा में 55.7 फीसदी बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते हैं। जबकि मेघालय में यह दर 55.2, केरल में 54.8 तथा पंजाब में 51.6 फीसदी है। मणिपुर हालांकि छोटा राज्य है लेकिन वहां सबसे ज्यादा 71.7 फीसदी बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं।

शहरी क्षेत्रों में निजी स्कूलों का बोलबाला आम बात है। लेकिन पिछले कुछ समय से यह रुझान देखा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां भी लोगों की आय में इजाफा हो रहा है, वे अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेज रहे हैं। रिपोर्ट जारी करने वाली संस्था की प्रमुख रुकमणि बनर्जी के अनुसार इससे दो बातें साफ हैं एक सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है, दूसरे राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आय बेहतर है।

यदि दक्षिणी राज्यों की बात करें तो केरल को छोड़कर बाकी राज्यों में निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का प्रतिशत कम है। वैसे, केरल में इस बार सरकारी स्कूलों में नामाकन बढ़ा है। आंध्र प्रदेश में 34, तेलंगाना में 40, कर्नाटक में 27 तथा तमिलनाडु में 33 फीसदी बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। अन्य जिन राज्यों में निजी स्कूलों में बच्चों के पढ़ने की दर ज्यादा है, उसमें उत्तराखंड, नगालैंड, राजस्थान, महाराष्ट्र, हिप्र शामिल हैं।

इन राज्यों में निजी स्कूलों का बोलबाला कम-दूसरी तरफ बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात, उड़ीसा तथा त्रिपुरा में निजी स्कूलों का बोलबाला कम है। बिहार में सिर्फ 12.9 फीसदी ग्रामीण बच्चे निजी स्कूलों में जा रहे हैं। जबकि झारखंड में 17.4, पश्चिम बंगाल में सबसे कम 9.3, त्रिपुरा में 9.7 तथा गुजरात में 10.2 फीसदी बच्चे निजी स्कूलों में जा रहे हैं। इन राज्यों में ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आय अच्छी नहीं होना प्रमुख कारण है। क्योंकि सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता की रिपोर्ट इन राज्यों में भी अच्छी नहीं है।

 

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