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क्या महानुभाव इतिहास रचेंगे

राज्यसभा और लोकसभा में अंकों का गणित पूरी तरह से महिला आरक्षण विधेयक के साथ होने और विरोधियों के कमजोर होने से करीब डेढ़ दशक बाद हमारे महानुभाव संसद में इतिहास रचने के बेहद करीब हैं। सत्तापक्ष, भाजपा...

क्या महानुभाव इतिहास रचेंगे
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 08 Mar 2010 01:47 AM
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राज्यसभा और लोकसभा में अंकों का गणित पूरी तरह से महिला आरक्षण विधेयक के साथ होने और विरोधियों के कमजोर होने से करीब डेढ़ दशक बाद हमारे महानुभाव संसद में इतिहास रचने के बेहद करीब हैं। सत्तापक्ष, भाजपा और लेफ्ट के हाथ मिलाने से सोमवार को राज्यसभा में विधेयक के अंजाम तक पहुंचने की उम्मीदें हिलोरें मार रही हैं।

सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश होगा। सरकार समर्थक कुछ दल अभी भी मुखालफत में हैं, लेकिन संख्या बल में उनका मात खाना लगभग तय है। कांग्रेस और भाजपा अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप पहले ही जारी कर पक्ष में मतदान करने को कह चुके हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा,‘ विधेयक पर पार्टी का रुख स्पष्ट है और हम इसका पूरी तरह से समर्थन करते हैं।’

सदन में विधेयक को पेश करने वाले कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा,‘ पूर्ण सर्वानुमति के अभाव में विधेयक को पारित कराने के लिए आगे बढ़ने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। तेदेपा, बीजद, अन्नाद्रमुक भी विधेयक के समर्थकों की सूची में शामिल हो गए हैं। इससे पहले अकाली दल, बीजद और नेशनल कांफ्रेस भी समर्थन का ऐलान कर चुके हैं।’

दूसरी ओर, सरकार को बाहर से समर्थन दे रही सपा और राजद मौजूदा स्वरूप में विधेयक के विरोध की मुहिम जारी रखी है। सपा ने अपने सांसदों को व्हिप जारी करने का फैसला किया है, वहीं राजद व्हिप जारी कर विरोध का निर्णय किया है। पार्टी महासचिव और प्रवक्ता मोहन सिंह ने कहा कि हमारा रुख रहा है कि आरक्षण के भीतर दलित और अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए भी आरक्षण होना चाहिए।

वहीं, एक समय विधेयक की मुखर विरोधी रही जद-यू इस बार बंटी नज़र आ रही है। इसके बावजूद पार्टी ने कल अपने सभी सांसदों की बैठक बुलाई है ताकि आखिरी नजरिया कायम किया जा सके। हालांकि पार्टी नेता निजी तौर पर संकेत दे रहे हैं कि वे विधेयक का समर्थन कर सकते हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कुछ ऐसे ही संकेत दिए थे।

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