सर्विस टैक्स 2 फीसदी कम
मंदी से परेशान उद्योगों को राहत देते हुए सरकार ने उत्पाद और सेवा शुल्क की दरें दो प्रतिशत कम कर दी हैं। उत्पाद शुल्क की सामान्य दर अब 10 से घटकर आठ प्रतिशत रह गई है। सेवा शुल्क की दर 10 प्रतिशत हो गई...
मंदी से परेशान उद्योगों को राहत देते हुए सरकार ने उत्पाद और सेवा शुल्क की दरें दो प्रतिशत कम कर दी हैं। उत्पाद शुल्क की सामान्य दर अब 10 से घटकर आठ प्रतिशत रह गई है। सेवा शुल्क की दर 10 प्रतिशत हो गई है। पहले यह दर 12 प्रतिशत थी।ड्ढr लोकसभा में अंतरिम बजट पर बहस का समापन करते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि इसके पहले दिसम्बर में घोषित प्रोत्साहन पैकेा के तहत उत्पाद शुल्क में की गई चार प्रतिशत की कटौती भी 31 मार्च के बाद तक जारी रहेगी। लोकसभा में अंतरिम बजट मंगलवार को ध्वनिमत से पारित हो गया। हालाँकि भाजपा और वाम दलों के समर्थक इस दौरान वाकआउट कर गये।ड्ढr मुखर्जी ने यह आरोप खारिा कर दिए कि सरकार ने उद्योगों को राहत देने के विशेष प्रयास नहीं किए। उन्होंने कहा कि चूँकि सरकार का कार्यकाल खत्म होने वाला है लिहाजा संसदीय नियमों और संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करना महत्वपूर्ण है। प्रणव ने कहा- ‘यह मेरे लिए मुमकिन नहीं है कि बिना पर्याप्त संसाधनों के भी मैं फिाूलखर्ची करूं।’ उन्होंने कहा कि मंदी से निपटने के लिए जो प्रयास हुए हैं उन्हें कुछ समय दिया जाये। (प्रेट्र)आम आदमी से सीधा रिश्तासेवा कर : टेलीफोन, लांड्री, साइबर कैफे, यात्रा, परिवहन, टेन्ट, कैटरिंग और सैकड़ों अन्य सेवाओं पर लिया जाता है। इसमें दो प्रतिशत की कटौती से उपभोक्ताओं को काफी फायदा होगा क्योंकि आम आदमी से इसका सीधा रिश्ता है।ड्ढr उत्पाद कर : इस कर में कटौती का मतलब है कि अंतिम उपभोक्ता को भी सस्ता सामान मिलेगा बशर्ते उत्पादक उपभोक्ता को ईमानदारी से इसका फायदा दे। उत्पाद कर की दरों में काफी अंतर होता है लिहाजा सावधानी बरतें। हाउसिंग सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए भी पैकेा की तैयारी में है सरकारड्ढr टैक्स रियायतें 31 मार्च के बाद अगले फैसले तक जारी रहेगीड्ढr कुल राजस्व प्रोत्साहनों के जरिए उद्योग को दिये 28000 करोडड़्ढr केंद्रीय सरकारी कंपनियों का लाभ बढ़ा, लाभ कमाने वाली कंपनियों की संख्या भी बढ़ीड्ढr नफ्था पर टैक्स रियायत जारी, बिजली और उर्वरक उत्पादन सस्ता होगाड्ढr सर्विस टैक्स दर को उत्पाद शुल्क के स्तर पर लाने से उत्पाद सेवा टैक्स यानी जीएसटी लागू करना होगा आसानड्ढr ढांचागत सुधार और रोगार बढ़ाने को अगले वित्त वर्ष के दौरान भी राज्य ले सकेंगे बाजार सेड्ढr ज्यादा र्काड्ढr अगले आम बजट में दूर होगा सिर्फ एसइजेड कंपनियों और एसईोड के साथ बाहर स्थित यूनिट वाली कंपनियों के बीच का आयकर भेदभावड्ढr लोक सभा में अंतरिम बजट पारित