..जब ममता ने गाया लता का नगमा
रेल मंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को रेल बजट पेश करने के दौरान स्वर कोकिला लता मंगेशकर को भी याद किया। लता के एक मशहूर गीत को अपने संदर्भ के साथ जोड़ते हुए ममता ने अपने जुदा अंदाज की एक बानगी पेश...
रेल मंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को रेल बजट पेश करने के दौरान स्वर कोकिला लता मंगेशकर को भी याद किया। लता के एक मशहूर गीत को अपने संदर्भ के साथ जोड़ते हुए ममता ने अपने जुदा अंदाज की एक बानगी पेश की।
ममता ने रेल बजट पेश करने के दौरान पूर्व सैनिकों के परिजनों को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) में भर्ती किए जाने का जिक्र किया तो इसके लिए उन्होंने लता के एक गीत का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ''चीन से युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लता से शहीदों पर गाना गाने के लिए कहा। इस पर लता ने गाया, 'जब घायल हुआ हिमालय खतरे में पड़ी आजादी..।' आज मैं उन्हीं शहीदों के परिजनों को आरपीएफ में प्राथमिकता देने का ऐलान कर रही हूं।''
उनका यह अंदाज-ए-बयां यहीं नहीं रुका। बजट पेश करने के दौरान वह बीच-बीच में चुटकी लेने और व्यंग्य करने से भी नहीं चूकीं। जब एक सांसद ने उनसे अपने क्षेत्र में रेलगाड़ी चलाए जाने की मांग करते हुए उन्हें टोका तो ममता ने कहा, ''अगर आप मेरी नहीं सुनेंगे तो आपके क्षेत्र को दी जाने वाली गाड़ी का नाम इस सूची से काट दूंगी।.''
बजट पेश करने की शुरुआत ही उन्होंने शायराना अंदाज में की। उन्होंने कहा, ''हमारा दर्द सिर्फ हमारा नहीं, हम हजारों की बात करते हैं।'' सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेजें थपथपा कर उनके इस अंदाज की प्रशंसा की। ममता को टोकने वाले सदस्यों को उन्होंने बखूबी जवाब दिया। एक बार जब सदस्य शोरगुल करने लगे तो उन्होंने कहा, ''पढ़ने दो भाई, अभी बहुत ज्यादा पढ़ना है।.. मेरा तो जान खा गए सब।''