समय से पहले उड़ा विमान, एक लाख का जुर्माना
राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने अरूणाचल प्रदेश सरकार से उस यात्री को क्षतिपूर्ति के तौर पर एक लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है, जिसे उड़ान समय से पहले रवाना हो जाने के कारण अपनी नौकरी से हाथ धोना...
राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने अरूणाचल प्रदेश सरकार से उस यात्री को क्षतिपूर्ति के तौर पर एक लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है, जिसे उड़ान समय से पहले रवाना हो जाने के कारण अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था।
यात्री को समय से पहले हेलीकॉप्टर रवाना होने के बारे में पूर्व सूचना भी नहीं दी गई थी। आयोग ने राज्य सरकार को सेवा में कोताही का दोषी ठहराया है और उसे आदेश दिया है कि वह यात्री को एक लाख रुपए मुआवजे के तौर पर दे। इस यात्री का दावा है कि वह उड़ान छूटने की वजह से नौकरी पर पहले ही दिन समय पर कार्यालय नहीं पहुंच पाया और उसे नौकरी से हटा दिया गया।
आयोग ने यह आदेश पवन हंस हेलीकॉप्टर लिमिटेड की अपील पर दिया। इस अपील में अरूणाचल प्रदेश राज्य उपभोक्ता आयोग के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें राज्य और कंपनी को पसांग दोरजी सोना नामक यात्री को संयुक्त रूप से और अलग-अलग कुल 4.60 लाख रुपए का मुआवजा देने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति आरसी जैन और अनुपमा दासगुप्ता की सदस्यता वाले आयोग ने कहा हमारी राय है कि आठ अक्टूबर 2001 को यात्रियों को पूर्व सूचना दिए बगैर करीब 40 मिनट पहले उड़ान की रवानगी से सेवा में कोताही परिलक्षित होती है।
आयोग ने कहा कि याचिकाकर्ता के टिकट की कीमत और अन्य खर्च के लिए एक लाख रुपए का मुआवजा दिया जाना चाहिए। आयोग के अनुसार, यात्री को शारीरिक और मानसिक तनाव से गुजरना पड़ा।
बहरहाल आयोग ने इस बारे में विचार करने से इनकार कर दिया कि यह मुआवजा किसी तरह याचिकाकर्ता की भावी आमदनी के कथित नुकसान से संबद्ध हो सकता है। पूर्व में, पवन हंस ने दलील दी थी कि उसकी यात्रियों के प्रति जवाबदेही नहीं बनती है।
हेलीकॉप्टर सर्विस कंपनी का तर्क था कि राज्य सरकार ने कथित हेलीकॉप्टर पवन हंस से लीज पर लिया था। यात्रियों से किराया राज्य सरकार ने ही लिया और नाहरलागुन से गुवाहाटी तक उड़ान का समय भी उसी ने तय किया था।
निजी क्षेत्र की कंपनी ने कहा अगर उड़ान के संचालन को लेकर सेवा में कोई कोताही होती है, जिससे इसके हित प्रभावित होते हैं तो जिम्मेदारी पवन हंस की नहीं बनती। पवन हंस ने, राज्य सरकार से उड़ान की रवानगी को लेकर मिले निर्देशों के अनुसार, इस उड़ान का संचालन राज्य सरकार के एक एजेंट के तौर पर किया।