फोटो गैलरी

Hindi Newsनक्सली हिंसा पर चिदंबरम गंभीर, मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी

नक्सली हिंसा पर चिदंबरम गंभीर, मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी

माओवादियों की बढ़ती गतिविधियों से चिंतित गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों को नई दिल्ली में बैठक के लिए आमंत्रित किया है। बैठक यह आश्वस्त करने के लिए है कि...

नक्सली हिंसा पर चिदंबरम गंभीर, मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी
एजेंसीSat, 20 Feb 2010 12:10 PM
ऐप पर पढ़ें

माओवादियों की बढ़ती गतिविधियों से चिंतित गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों को नई दिल्ली में बैठक के लिए आमंत्रित किया है।

बैठक यह आश्वस्त करने के लिए है कि नक्सलियों के खिलाफ अंतर-राज्यीय अभियान शुरू करने के पहले उनका नजरिया भी केंद्र के समान है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को लिखे पत्रों में चिदंबरम ने कहा कि समस्या पर काबू के लिए केंद्र कुछ  अनुमानित निष्कर्ष पर पहुंचा है।

भट्टाचार्य को भेजे पत्र में चिदंबरम ने कहा कि अनुमानित निष्कर्ष को फैसले में बदलने और उसके कार्यान्वयन के लिए यह आश्वस्त होना जरूरी है कि पश्चिम बंगाल तथा झारखंड की सरकारें योजना का समर्थन करती हैं। उन पत्रों की प्रतियां पीटीआई के पास उपलब्ध हैं।

उल्लेखनीय है कि बिहार और झारखंड के मुख्यमंत्री नौ फरवरी को कोलकाता में बुलाई गई एक बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इसी हफ्ते पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर में सिलदा स्थित एक पुलिस शिविर पर माओवादी हमले में 24 जवानों की मौत हो गई थी। वहीं बिहार के जमुई जिले के एक गांव में माओवादियों ने 11 लोगों की हत्या कर दी थी।

चिदंबरम के करीबी सूत्रों ने कहा कि भाजपा के लिए यह अग्निपरीक्षा होगी कि क्या वह उग्रवादियों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार करेगी या दोनों राज्यों में अपने प्रमुख सहयोगियों के  नरम रवैए का ही अमल करेगी। भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय परिषद की बैठक नक्सलियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।

झारखंड में भी नक्सली गतिविधियां बढ़ी हैं और कुछ ही दिन पहले उन्होंने एक राजस्व अधिकारी को अगवा कर लिया था। अधिकारी को शर्तों के साथ रिहा किया गया।

नौ फरवरी की बैठक में बिहार का प्रतिनिधित्व उसके गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक ने किया था वहीं झारखंड की ओर से दो उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। दोनों राज्यों ने अपनी स्थिति बताते हुए केंद्र से अधिक सहायता और अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की मांग की।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के नक्सल प्रबंधन प्रकोष्ठ ने दोनों राज्यों की योजनाओं को देखा है और संभवत: वह इस संबंध में अपने जवाब के साथ तैयार हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें