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सचिन का शतक, पर पारी से हारा भारत

सचिन तेंदुलकर के 46वें टेस्ट शतक और पुछल्ले बल्लेबाजों के पराक्रम के बावजूद भारत को दक्षिण अफ्रीका के हाथों पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में पारी और छह रन से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा जिससे उसका नंबर...

सचिन का शतक, पर पारी से हारा भारत
एजेंसीTue, 09 Feb 2010 05:37 PM
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सचिन तेंदुलकर के 46वें टेस्ट शतक और पुछल्ले बल्लेबाजों के पराक्रम के बावजूद भारत को दक्षिण अफ्रीका के हाथों पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में पारी और छह रन से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा जिससे उसका नंबर एक ताज भी खतरे में पड़ गया।

दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पहली पारी छह विकेट पर 558 रन के स्कोर पर समाप्त घोषित करके भारत को पहली पारी में 233 रन पर ढेर कर दिया और फिर उसे फालोआन के लिए आमंत्रित किया। भारतीय टीम के सामने पहला लक्ष्य 325 रन तक पहुंचना था जिससे कि वह पारी की हार से बच सके।

तेंदुलकर ठीक 100 रन बनाकर पवेलियन लौटे जबकि निचले क्रम में हरभजन सिंह (39), वृद्धिमान साहा (36) और जहीर खान (33) ने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों का डटकर सामना किया लेकिन वे भारत की पारी से हार नहीं टाल पाए और उसकी पूरी टीम मैच के चौथे दिन ही 319 रन पर ढेर हो गई।

यह टेस्ट क्रिकेट में 36वां अवसर है जबकि भारतीय टीम को पारी की हार का सामना करना पड़ा। वह अपनी सरजमीं पर 15वीं बार पारी से पराजित हुई। इससे पहले अप्रैल 2008 में अहमदाबाद में दक्षिण अफ्रीका ने ही उसे पारी और 90 रन से पराजित किया था जबकि जुलाई 2008 में उसे श्रीलंका से पारी और 239 रन से हार मिली थी।

दक्षिण अफ्रीका इस जीत के नायक डेल स्टेन रहे जिन्होंने दूसरी पारी में 57 रन देकर तीन विकेट सहित मैच में 108 रन देकर दस विकेट लिए। उसकी जीत की नींव वैसे हाशिम अमला (2530 और जैक्स कैलिस (173) ने चौथे विकेट के लिए 340 रन की साझेदारी करके रखी थी।

इस करारी हार से भारत की नंबर एक बने रहने की उम्मीद को भी करारा झटका लगा है। अब उसे 14 फरवरी से कोलकाता में होने वाले दूसरे टेस्ट मैच में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी क्योंकि यदि वह मैच ड्रा रहता है तो दक्षिण अफ्रीका के 123 अंक हो जाएंगे और वह भारत को पीछे छोड़ देगा।

तेंदुलकर जब तक क्रीज पर थे तब तक भारत की पारी से हार टालने की आस बंधी हुई थी लेकिन वह सैकड़ा पूरा करने के तुरंत बाद पवेलियन लौट गए। कप्तान धोनी ने 25 रन की बड़ी संघर्षपूर्ण पारी खेली जबकि निचले क्रम के बल्लेबाजों ने दर्शकों का थोड़ी देर के लिए मनोरंजन किया लेकिन इससे महज दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए थोड़ा इंतजार ही करना पड़ा।

दक्षिण अफ्रीका ने सुबह के सत्र में ही दो विकेट निकालकर अपनी जीत सुनिश्चित कर दी थी। इसके बाद उसने दूसरे सत्र में भी दो विकेट निकाले जबकि स्टेन ने फिर से तीसरे सत्र में अपनी गेंदों का कमाल दिखाया और आखिरी दो विकेट निकालकर अपनी टीम को पारी से जीत दिलाई। उनके अलावा बाएं हाथ के स्पिनर पाल हैरिस ने तीन और वायने पर्नेल ने दो विकेट लिए।

भारत ने सुबह दो विकेट पर 66 रन से आगे खेलना शुरू किया लेकिन उसने जल्द ही कल के अविजित बल्लेबाज मुरली विजय (32) का विकेट गंवा दिया जिन्होंने हैरिस की गेंद पर खराब शाट खेला और डीप बैकवर्ड स्क्वेयर लेग में कैच थमाकर अफ्रीकी टीम को इनाम में विकेट दिया। गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग के कल 24 रन के अंदर पवेलियन लौटने के बाद विजय और तेंदुलकर ने तीसरे विकेट के लिए 72 रन जोड़े। तेंदुलकर भी जब 45 रन पर थे तब वायने पार्नेल की गेंद पर जैक्स कैलिस ने स्लिप में उनका कैच छोड़ा।

तेंदुलकर ने इसका फायदा उठाकर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारतीय धरती पर पहला शतक पूरा किया लेकिन पिछली पारी में धैर्यपूर्ण अर्धशतक जमाने वाले बद्रीनाथ इस पारी में अधिक देर तक नहीं टिक पाए। उन्होंने पार्नेल की गेंद पर विकेट के पीछे मार्क बाउचर को कैच थमाया जो पीठ दर्द के बावजूद विकेटकीपिंग के लिए उतरे थे। तेंदुलकर ने पार्नेल की गेंद पर एक रन लेकर अपना शतक पूरा किया लेकिन अगले ओवर में ही हैरिस की लेग स्टंप से बाहर जाती गेंद उनके थाई पैड और एल्बो गार्ड को स्पर्श करती हुई विकेटों में समा गई। उन्होंने 179 गेंद का सामना किया तथा 13 चौके लगाए। धोनी भी उनके बाद अधिक देर तक नहीं टिक पाए और हैरिस का अगला शिकार बने जिनकी गेंद उनके बल्ले और पैड से लगकर सिली प्वाइंट पर एबी डिविलियर्स के हाथों में चली गई।

भारत की हार तय लग रही थी और ऐसे में जहीर और हरभजन ने दर्शकों का मनोरंजन करने को तरजीह दी जो लचर बल्लेबाजी से काफी ऊब गए थे। हरभजन ने पार्नेल की गेंद पर पगबाधा आउट होने से पहले हैरिस पर पारी का पहला छक्का और कुल छह चौके लगाए जबकि जहीर ने भी कैलिस का पहला शिकार बनने से पहले दो छक्के जड़े।

अपना पहला टेस्ट खेल रहे साहा ने शुरू में काफी संघर्ष किया लेकिन बाद में वह आत्मविश्वास से खेले। उन्होंने हरभजन के साथ 50 और जहीर के साथ 59 रन की भागीदारी की। भारत जब पारी की हार टालने के करीब था तब स्टेन ने साहा और अमित मिश्रा को आउट करके अपने कैरियर में चौथी बार मैच में दस विकेट लेने का रिकार्ड बनाया।

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