इसी सप्ताह बढ़ सकती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें
पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने सोमवार को कहा कि ईंधन कीमत पर गठित समिति द्वारा इस सप्ताह अपनी रिपोर्ट दिए जाने के बाद सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने पर फैसला कर सकती...
पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने सोमवार को कहा कि ईंधन कीमत पर गठित समिति द्वारा इस सप्ताह अपनी रिपोर्ट दिए जाने के बाद सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने पर फैसला कर सकती है।
ऐसा समझा जाता है कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को लागत के हिसाब से कीमत स्थिर करने की आजादी देने के पक्ष में हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन की कीमत कम है और भारत में ईंधन कीमत के विनियमन का यह एक मौका है।
देवड़ा ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि हम यह सुनिश्चित करने की भरसक कोशिश कर रहे हैं कि कीमतें नहीं बढ़ें। बहरहाल, कीमतों में बढ़ोतरी अपरिहार्य हो सकती है क्योंकि सरकार के पास संसाधन सीमित हैं और ये लागत से कम मूल्य पर पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये पर्याप्त नहीं हैं।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि जुलाई 2009 में कैबिनेट ने फैसला किया था कि एलपीजी और केरोसिन को कम मूल्य पर बेचे जाने से राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई या तो बांड के जरिये या फिर नकद की जाएगी। पेट्रोल और डीजल के मामले में राजस्व के नुकसान की भरपाई ओएनजीसी जैसी उत्खनन और उत्पादन से जुड़ी कंपनियां करेंगी।
मुरली देवड़ा ने कहा कि हम मंगलवार को वित्त मंत्री के साथ बैठक करेंगे और इस पर विचार करेंगे कि घाटे की भरपाई कैसे की जाए। उन्होंने कहा कि किरीट पारेख समिति द्वारा इस सप्ताह रिपोर्ट दिए जाने के बाद पेट्रोलियम ईंधन की कीमत के बारे में फैसला किये जाने की संभावना है।
वाहन ईंधन को मुक्त किये जाने का मतलब होगा कि पेट्रोल की कीमत में 4.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल के मूल्य में 2.33 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी होगी। इंडियन आयल कारपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम लागत से कम मूल्य पर ईंधन की बिक्री करती हैं।
देवड़ा ने कहा कि हम पारेख समिति की रिपोर्ट पर सलाह मशविरे के बाद कीमत पर फैसला करेंगे। पेट्रोलियम मंत्रालय कोई प्राइवेट लि कंपनी नहीं है जो इस मुद्दे पर स्वयं फैसला कर ले।