एक तिहाई बढ़ सकती हैं गैस की कीमतें
सरकार कुछ ही हफ्तों में सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी तथा आयल इंडिया द्वारा उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतों में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है। पेट्रोलियम सचिव एस सुंदरेशन ने सोमवार को संवाददाताओं...
सरकार कुछ ही हफ्तों में सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी तथा आयल इंडिया द्वारा उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतों में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है।
पेट्रोलियम सचिव एस सुंदरेशन ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि कीमत वृद्धि पर फैसला कुछ हफ्तों की बात है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने प्रशासित कीमत तंत्र (एपीएम) के तहत गैस का मूल्य 3,200 रुपये प्रति हजार घन मीटर (1.79 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू) से बढ़ाकर 4,142 रुपये प्रति हजार घन मीटर (2.32 डालर प्रति एमएमबीटीयू) करने के लिए कैबिनेट नोट जारी किया है।
ओएनजीसी तथा ओआईएल द्वारा उत्पादित गैस की कीमत को 2013 तक बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति हजार घन मीटर (4.2 डालर प्रति एमएमबीटीयू) करने का प्रस्ताव है।
सुंदरेशन ने कहा कि सरकार प्राकृतिक गैस की अलग-अलग कीमतों के अंतर को समाप्त करने के लिए नीतिगत विकल्पों पर विचार कर रही है। फिलहाल गैस का एपीएम दो डालर प्रति एमएमबीटीयू से 5.73 डालर प्रति एमएमबीटीयू है। उन्होंने कहा कि ग्राहकों को बेची जाने वाली गैस के एक समान मूल्य के विकल्प के लिए कीमतों पर पूलिंग पर अध्ययन किया जा रहा है।
इसके तहत उत्पादकों को सरकार के साथ हुए उत्पादन भागीदारी करार के तहत कीमत मिलेगी। लेकिन गैस का स्रोत कोई भी हो, उपभोक्ता के लिए गैस मूल्य एक समान रहेगा।
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि ऊर्जा और उर्वरक मंत्रालय एपीएम गैस मूल्य में बढ़ोतरी के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन वित्त मंत्रालय और योजना आयोग ने मूल्य बढ़ाने का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि कीमतों में वृद्धि की योजना मंत्रिमंडल के समक्ष तीन-चार सप्ताह में रखी जाएगी। अधिकारी के मुताबिक, आयोग की सिफारिशों के आधार पर तैयार नोट में ओएनजीसी को 3,875 रुपये प्रति हजार घन मीटर तथा ओआईएल को 4,315 रुपये प्रति हजार घन मीटर की दर से भुगतान का प्रस्ताव है। एपीएम गैस मूल्य में संशोधन आखिरी बार जून, 2005 में किया गया था।