पोप जॉन पॉल द्वितीय खुद को पीटते थे
ईसाई धर्म के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप जॉन पॉल द्वितीय अपने आप को लगातार पैंट पर बांधी जाने वाली बेल्ट से पीटा करते थे और उन्होंने एक गुप्त दस्तावेज में हस्ताक्षर करके कहा था कि अगर वह कभी लाइलाज बीमारी...
ईसाई धर्म के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप जॉन पॉल द्वितीय अपने आप को लगातार पैंट पर बांधी जाने वाली बेल्ट से पीटा करते थे और उन्होंने एक गुप्त दस्तावेज में हस्ताक्षर करके कहा था कि अगर वह कभी लाइलाज बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं, तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
मॉनसिगनर स्लावोमीर ओडर द्वारा लिखी गई वाई ए सेंट नामक किताब में इस बात का खुलासा करते हुए दावा किया गया है कि पोलैण्ड में जन्में पोप अपने आप को तपस्या और आत्म समालोचना के तौर पर बेल्ट से मारा करते थे। इसमें कहा गया है कि पोप बनने के बाद भी उन्होंने यह प्रक्रिया जारी रखी थी।
ब्रिटिश मीडिया में लेखक ओडर को उद्धत करते हुए कहा गया है कि पोप के करीबी लोगों ने अपने कानों से सुना कि वह अपने को पीटा करते थे। वह अपनी आलमारी में रखे अपने कपड़ों के साथ रखे एक विशेष बेल्ट से खुद को मारते थे।
उन्होंने यह भी दावा किया है कि पोप द्वारा खुद को पीटे जाने की प्रक्रिया ईसाई धर्म में परिपूर्णता प्राप्त करने का एक जरिया है। इससे ईसा मसीह के कष्टों को समक्षा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि पांच साल पहले दिवंगत हुए पोप जॉन पॉल द्वितीय द्वारा खुद को पीटे जाने की बात का दावा पिछले साल पोलैण्ड की नन सिस्टर टोबियाना सोबोडका ने किया था।
सिस्टर सोबोडका ने कहा था कि कई बार वह खुद को पीटकर तपस्या किया करते थे। हम कॉसल गैण्डोल्फो में उनके कमरे के बगल में थे। ऐसा करते हुए आप उनके कराहने की आवाज सुन सकते थे।