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टैक्सी-परमिट के लिए मराठी एवं 15 वर्षीय अधिवास जरूरी

राज ठाकरे स्टाइल में महाराष्ट्र की कांग्रेस़ और राकांपा गठबंधन सरकार ने बुधवार को सिर्फ उन्हीं लोगों को टैक्सी का लाइसेंस देने का निर्णय किया जिन्हें मराठी भाषा का अच्छा ज्ञान हो और राज्य में व्रे कम...

टैक्सी-परमिट के लिए मराठी एवं 15 वर्षीय अधिवास जरूरी
एजेंसीThu, 21 Jan 2010 01:39 AM
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राज ठाकरे स्टाइल में महाराष्ट्र की कांग्रेस़ और राकांपा गठबंधन सरकार ने बुधवार को सिर्फ उन्हीं लोगों को टैक्सी का लाइसेंस देने का निर्णय किया जिन्हें मराठी भाषा का अच्छा ज्ञान हो और राज्य में व्रे कम से कम 15 साल से रह रहे हों।

बहरहाल सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन टैक्सी ड्राइवरों के पास वैध लाइसेंस हैं, वे इस निर्णय से प्रभावित नहीं होंगे। प्रवासी राजनीति को नया आयाम देने वाले टैक्सी परमिट नियम में बदलाव के बाद अब नये प्रवासी टैक्सी परमिट नहीं ले सकेंगे।

मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की बैठक में नये नियमों को लागू करने का निर्णय किया गया। इससे विवाद को बढमवा मिल सकता है।

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि निर्णय किया गया है कि अब के बाद उन्हीं टैक्सी चालकों को लाइसेंस जारी किया जाएगा जो कम से कम 15 साल से राज्य में रह रहे हैं और मराठी लिख़ और पढ़ सकते हैं।

महानगर के सबसे पुराने संगठन बंबई टैक्सीमैन ने निर्णय की निंदा की है। इसके सचिव ए एल क्वादरोस ने कहा कि यह अस्वीकार्य है और राजनीतिक रूप से प्रेरित है।

मुंबई के दो लाख से ज्यादा टैक्सी चालकों में अधिसंख्य उत्तरप्रदेश, बिहार और उत्तराखंड के हैं और निर्णय से इन राज्यों के उन लोगों पर बुरा असर होगा जो टैक्सी चलाकर जीवन यापन करना चाहते हैं। प्रत्येक वर्ष करीब 4000 नये टैक्सी परमिट जारी किए जाते हैं।

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