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स्कूलों का विस्तार,छात्रों को स्कूल से जोड़े रखना चुनौती: सिब्बल

सरकार ने छात्रों के स्कूल छोड़ने की दर के उच्च स्तर पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम का दायरा बढ़ाकर अब इसके तहत 12वीं कक्षा तक के बच्चों को...

स्कूलों का विस्तार,छात्रों को स्कूल से जोड़े रखना चुनौती: सिब्बल
एजेंसीTue, 19 Jan 2010 04:13 PM
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सरकार ने छात्रों के स्कूल छोड़ने की दर के उच्च स्तर पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम का दायरा बढ़ाकर अब इसके तहत 12वीं कक्षा तक के बच्चों को लाने का प्रयास किया जाएगा।

मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने मंगलवार को कहा कि आज जब हम भारत को 21वीं सदी में ले जाने की बात करते हैं, उस समय हमारे समक्ष सबसे बड़ी समस्या बच्चों की स्कूली शिक्षा से जुड़ी है। इसमें भी बच्चों के पढ़ाई के बीच में ही स्कूल छोड़ने की उच्च दर गंभीर चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि आज जहां करीब 22 करोड़ बच्चों स्कूल जाते हैं, ऐसे में विशेष तौर पर माध्यमिक स्तर पर स्कूलों में छात्रों के स्कूल छोड़ने की दर 49 प्रतिशत है। हमारे समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यह है कि किस प्रकार बच्चों को स्कूल में बनाए रखने की प्रक्रिया बनाई जाए।

मंत्री ने कहा कि मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम बनाया जा चुका है लेकिन अभी तक इसे अधिसूचित नहीं किया जा सकता है, हालांकि छात्रों के स्कूल छोड़ने की समस्याओं के मद्देनजर आरटीई के दायरे के तहत माध्यमिक स्तर के बच्चों को लाने का प्रयास किया जाएगा।

सिब्बल ने कहा कि यह बड़ी चुनौती है और इसे आज या कल में पूरा नहीं किया जा सकता है। क्योंकि स्कूल जाने वाले 22 करोड़ बच्चों में केवल 2.60 करोड़ बच्चों ही कालेज स्तर तक पहुंच पाते हैं जबकि 19 करोड़ बच्चों कालेज नहीं जा पाते हैं। स्कूलों की कमी भी एक प्रमुख समस्या है।

सिब्बल ने कहा कि हमने 2020 तक सकल नामांकन दर को बढ़ा कर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है जो अभी 12.4 प्रतिशत है। अगर हम अभी नहीं चेते तो ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य कैसे हासिल किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हमें स्कूलों और कालेजों की आधारभूत संरचना का विकास करने की जरूरत होगी। आने वाले समय में हमें एक हजार विश्वविद्यालयों की जरूरत होगी और इसे अकेले सरकार पूरा नहीं कर सकती है।

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