अगड़ी जातियों के गरीबों को आरक्षण देने पर खुर्शीद सहमत
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने अगड़ी जातियों के गरीबों के लिए आरक्षण संबंधी केरल उच्च न्यायालय की टिप्पणी से सहमति जताते हुए कहा कि यह वैसे ही जैसे उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि पिछड़े...
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने अगड़ी जातियों के गरीबों के लिए आरक्षण संबंधी केरल उच्च न्यायालय की टिप्पणी से सहमति जताते हुए कहा कि यह वैसे ही जैसे उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि पिछड़े वर्गों को मिलने वाले लाभों से क्रिमी लेयर को हटा देना चाहिए।
खुर्शीद ने सामाजिक क्षेत्र पर आयोजित दसवें संपादक सम्मेलन में सवालों के जवाब में कहा कि मेरा मानना है कि क्रिमी लेयर को आरक्षण की सूची से हटाने की बात इस सोच प्रक्रिया की शुरूआत थी, जिसके बारे में आज केरल उच्च न्यायालय बात कर रहा है।
केरल उच्च न्यायालय की कोच्चि खंडपीठ ने हाल ही में केरल मुस्लिम जमात काउंसिल की ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें अगड़ी जाति के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकारी शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण देने का राज्य सरकार ने आदेश को चुनौती दी गई थी।
अदालत ने सरकार के आदेश से सहमति जताते हुए कहा था कि उच्च और स्नातकोत्तर स्तर पर पिछड़े वर्गों के छात्रों को योग्य छात्रों के साथ प्रतिस्पर्धा करके दाखिला लेना चाहिए। राज्य में मुसलमानों की बेहतर होती स्थिति पर टिप्प्णी करते हुए अदालत ने यह भी कहा था कि केरल में मुसलमानों की स्थिति में बड़ा बदलाव आया है और यह सही समय है कि इस समुदाय के नेता अपने ऊपर चस्पे पिछड़े का बिल्ला उतार फेंके तथा अन्य के साथ प्रतिस्पर्धा करने को तैयार हों।
खुर्शीद ने कहा कि केरल उच्च न्यायालय ने जो कहा वैसा ही कुछ पूर्व में क्रिमी लेयर का मामला आने पर उच्चतम न्यायालय ने भी कहा था, जिसमें क्रिमी लेयर को आरक्षण की सूची से हटाने की बात कही गई थी और इससे कोई असहमत नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसी तरह कुछ आयामों पर विचार करने का अब भी अगर कोई निर्णय आता है तो संबंधित मंत्रालय को उचित समय में उस पर विचार करना चाहिए।