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बांग्लादेश में बसु का पैतृक घर पुस्तकालय में होगा तब्दील

माकपा के वरिष्ठ नेता ज्योति बसु के 96 वर्ष की उम्र में देहांत हो जाने के बाद अब उनके बांग्लादेश के नारायणगंज स्थित पैतृक घर को उनकी इच्छा के कारण पुस्कालय में तब्दील किया जाएगा। रविवार को बांग्लादेश...

बांग्लादेश में बसु का पैतृक घर पुस्तकालय में होगा तब्दील
एजेंसीMon, 18 Jan 2010 01:57 PM
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माकपा के वरिष्ठ नेता ज्योति बसु के 96 वर्ष की उम्र में देहांत हो जाने के बाद अब उनके बांग्लादेश के नारायणगंज स्थित पैतृक घर को उनकी इच्छा के कारण पुस्कालय में तब्दील किया जाएगा।

रविवार को बांग्लादेश की संसद जातीय संसद में बसु के निधन पर एक घंटे की शोक सभा के दौरान प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बसु के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए इस संबंध में घोषणा की।

उल्लेखनीय है कि बसु का पैतृक घर बांग्लादेश के नारायणगंज स्थित सोनारगांव के बरोडी गांव में है। बसु के पिता इसी गांव के निवासी थे। बसु अपने जीवनकाल में इस घर में जाने के इच्छुक थे, लेकिन उनकी यह इच्छा अधूरी ही रह गई।

हसीना ने कहा कि वह सिर्फ एक वरिष्ठ नेता ही नहीं थे, बल्कि उप महाद्वीप में राजनीति के संरक्षक थे। भारत ने उनके निधन से एक महान नेता खो दिया है। वहीं बांग्लादेश ने अपना एक बड़ा शुभचिंतक और व्यक्तिगत तौर पर मैंने एक अभिभावक खोया है। उन्होंने कहा कि ज्योति बसु मात्र दक्षिण एशिया का नाम नहीं था, बल्कि वह एक संस्था थे। मुझे वहां जाकर उस महान नेता को सम्मान देना चाहिए।

सन 1971 में बांग्लादेश युद्ध के दौरान बसु की भूमिका को याद करते हुए हसीना ने कहा कि भारत सरकार, बसु और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खाने, रहने और चिकित्सा की व्यवस्था की थी। बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने कहा कि बिना बसु के समर्थन के 1996 में भारत-बांग्लादेश के बीच गंगा जल का निष्पक्षता के साथ बंटवारा नहीं हो पाता। बांग्लादेशी संसद के अध्यक्ष अब्दुल हामिद ने आधिकारिक तौर पर सदन को बसु के निधन की सूचना दी और उनका संक्षिप्त जीवन परिचय भी दिया।

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