बिफरे बिंद्रा ने बंदूक रखने की धमकी दी
बीजिंग ओलंपिक में व्यक्तिगत रूप से शूटिंग का गोल्ड मेडल लेकर देश के खेल इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज अभिनव बिंद्रा अब खेल अधिकारियों और प्राधिकरण के रुख से इतने आहत हैं कि अब आगे निशाना न लगाने...
बीजिंग ओलंपिक में व्यक्तिगत रूप से शूटिंग का गोल्ड मेडल लेकर देश के खेल इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज अभिनव बिंद्रा अब खेल अधिकारियों और प्राधिकरण के रुख से इतने आहत हैं कि अब आगे निशाना न लगाने की सोच रहे हैं। ओलंपिक में पहला गोल्ड मेडल जीतने के 17 महीनों बाद ही बिंद्रा को निशानेबाजी में अपना भविष्य अब अंधकारमय लगने लगा है। इसका कारण बताते हुए बिंद्रा ने इस अखबार से कहा कि यहां ‘भविष्य में सफलता की उम्मीद क्षीण है।’
वह भारत के शूटिंग फेडरेशन, नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) और पग-पग पर खेल प्राधिकरण के अधिकारियों की उदासीनता के कारण भी खासे चिंतित और परेशान हैं। बिंद्रा के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि खेल प्राधिकरण के इस कठोर रुख, लालफीताशाही और बेवजह के प्रोटोकॉल के कारण ही वह खेल को अलविदा कहने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। खुद बिंद्रा कहते हैं, ‘इस परिस्थिति ने मुझे बहुत ही चिंता में डाल दिया है और ऐसे में मैं बहुत कुछ नहीं कर सकता।’
समस्या यह है कि दिल्ली में होनेवाले राष्ट्रमंडल खेल और इस साल के अंत में चीन में होनेवाले एशियाड की तैयारी के लिए बिंद्रा छह महीने का प्रशिक्षण विदेश में लेना चाहते हैं और एनआरएआई चाहता है कि वह भारत में ही नियमित ट्रायल में हिस्सा लें। और अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण या टूर्नामेंट में भाग लेने न जाएं। बिंद्रा गत दिसंबर में ऐसे ही एक ट्रायल में भाग लेने जर्मनी से भारत आए भी, लेकिन अंतिम समय में वह ट्रायल रद्द हो गया। बिंद्रा ने कहा, ‘मैंने जैसी तैयारी और प्रशिक्षण अतीत में प्राप्त किया है और मेरी टीम व मैंने जिसकी योजना बनाई है, अगर उसी तरह की तैयारी के लिए अनुमति नहीं मिली तो मुङो भविष्य में सफलता की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।’