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भुगतान नहीं मिलने से खफा हॉकी खिलाड़ियों ने की बगावत

भारतीय हॉकी ताजा संकट में पड़ गई जब भुगतान नहीं मिलने के खिलाफ बगावत पर आमादा खिलाड़ियों ने विश्व कप की तैयारियों के लिए चल रहे शिविर का अनिश्चितकाल के लिए बहिष्कार करने का फैसला किया। भुगतान के...

भुगतान नहीं मिलने से खफा हॉकी खिलाड़ियों ने की बगावत
एजेंसीFri, 08 Jan 2010 04:04 PM
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भारतीय हॉकी ताजा संकट में पड़ गई जब भुगतान नहीं मिलने के खिलाफ बगावत पर आमादा खिलाड़ियों ने विश्व कप की तैयारियों के लिए चल रहे शिविर का अनिश्चितकाल के लिए बहिष्कार करने का फैसला किया।

भुगतान के संबंध में दो पत्रों का हॉकी इंडिया से कोई जवाब नहीं मिलने के बाद खिलाड़ियों ने शिविर के बहिष्कार का फैसला लिया। कप्तान राजपाल सिंह ने कहा कि हमने पैसा मिलने तक शिविर का अनिश्चितकालीन बहिष्कार करने का फैसला किया है। गुरुवार रात खिलाड़ियों की बैठक में यह फैसला लिया गया।

उन्होंने कहा कि पहले हमें हर टूर्नामेंट के बाद पैसा मिलता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। हमने हॉकी इंडिया के अधिकारियों को कई बार याद दिलाया लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब हम पैसा मिलने के बाद ही शिविर में जाएंगे।
     
विश्व कप से एक महीना पहले ही खिलाड़ियों ने यह कदम उठाया है जिसका असर 28 मार्च से 13 फरवरी तक होने वाले टूर्नामेंट पर पड़ेगा। सीनियर खिलाड़ियों ने हॉकी इंडिया के अध्यक्ष एके मटटू को पत्र लिखकर सात दिन के भीतर भुगतान के लिए कहा था। पत्र में बहिष्कार की कोई धमकी नहीं थी लेकिन सूत्रों ने बताया कि एक हफ्ते के भीतर भुगतान नहीं होने पर खिलाड़ी शिविर का बहिष्कार करने का मन बना चुके थे।

हॉकी इंडिया को मसले का समाधान निकल आने की उम्मीद है जिसने शनिवार को पुणे में सीनियर खिलाड़ियों की बैठक बुलाई है। कप्तान राजपाल सिंह, सरदारा सिंह, प्रभजोत सिंह, संदीप सिंह, तुषार खांडेकर और अर्जुन हलप्पा शनिवार को शूटिंग के सिलसिले में दिल्ली में होंगे, जिनके हॉकी इंडिया के अधिकारियों से मिलने की उम्मीद है।
    
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष मटटू ने कहा कि मुझे दो दिन पहले पत्र मिला है। मैंने अपना जवाब भेज दिया है। मैने शनिवार को उन्हें दिल्ली में बैठक के लिए बुलाया है। मैं खिलाड़ियों से बात करूंगा और उनकी शिकायतें सुनुंगा। मुझे विश्वास है कि जल्दी ही समस्या का हल निकल आएगा।

खिलाड़ियों का दावा है कि उन्होंने हॉकी इंडिया को आठ जनवरी तक का समय दिया था जबकि मटटू ने कहा कि ऐसी कोई समय सीमा नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा कि पत्र में ऐसी कोई मियाद नहीं दी गई। वे राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं और उन्हें इस तरह हमें धमकाना नहीं चाहिए। लेकिन हमें उम्मीद है कि बातचीत से हल निकल आएगा।

खिलाड़ियों के मुताबिक पहले उन्हें पैसा अग्रिम मिल जाता था, लेकिन इस बार टूर्नामेंट खत्म होने के बाद भी भुगतान नहीं किया गया। खिलाड़ियों ने पत्र में कहा कि हम अर्जेंटीना में खेले गए चैंपियंस चैलेंज के लिए भुगतान का इंतजार कर रहे हैं। पिछले तीन साल में हमें हर टूर्नामेंट में भारत से रवाना होने से पहले ही 25,000 रूपये मिल जाते थे। हम इस बार और भावी टूर्नामेंटों में भी अग्रिम भुगतान चाहते हैं।

भारत ने अर्जेंटीना के साल्टा में पिछले महीने हुए टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता था।

राजपाल ने कहा कि खिलाड़ियों को दबाव में यह कदम उठाना पड़ा क्योंकि हॉकी इंडिया को उनकी परवाह नहीं है। प्रायोजक पैसा दे रहे हैं लेकिन खिलाड़ियों को कुछ नहीं मिल रहा है।
   
खिलाड़ियों ने भुगतान के पैकेज में बढ़ोतरी की मांग भी की है।

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