फोटो गैलरी

Hindi Newsतेलंगाना मामले में आंध्रप्रदेश के दलों में सर्वसम्मति जरूरी: केंद्र

तेलंगाना मामले में आंध्रप्रदेश के दलों में सर्वसम्मति जरूरी: केंद्र

गृह मंत्रालय द्वारा तेलंगाना मामले पर बुलाई गई बैठक में मंगलवार को साफ तौर पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। कुल मिलाकर नये राज्य के निर्माण के लिए आंध्र प्रदेश के सभी दलों के बीच सर्वसम्मति कायम करने...

तेलंगाना मामले में आंध्रप्रदेश के दलों में सर्वसम्मति जरूरी: केंद्र
एजेंसीTue, 05 Jan 2010 04:17 PM
ऐप पर पढ़ें

गृह मंत्रालय द्वारा तेलंगाना मामले पर बुलाई गई बैठक में मंगलवार को साफ तौर पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। कुल मिलाकर नये राज्य के निर्माण के लिए आंध्र प्रदेश के सभी दलों के बीच सर्वसम्मति कायम करने पर बल दिया गया। केंद्र ने साफ तौर पर कहा कि जब तक राज्य के सभी दल विधानसभा में सर्वसम्मति से इस संबंध में प्रस्ताव पारित नहीं करते हैं, तब तक नये राज्य का गठन संभव नहीं है।

मंगलवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक के बाद जारी बयान में राज्य के नेताओं ने नये राज्य के गठन के मसले को एक बार फिर केंद्र के पाले में डाल दिया। लेकिन दूसरी तरफ केंद्र को इस मसले के हल के लिए कुछ और समय मिल गया है।

केंद्र ने साफ कहा कि तेलंगाना मामले में राज्य विधानसभा से सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित होना आश्वयक है।

तेलंगाना मुद्दे पर गृह मंत्री पी चिदंबरम के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक मंगलवार को नई दिल्ली में शुरू हुई। इस बैठक में पृथक तेलंगाना राज्य की मांग कर रहे टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव के साथ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रोसैया भी हिस्सा ले रहे हैं।

इस बैठक का उद्देश्य तेलंगाना मुद्दे के समाधान की रूपरेखा और खाका तैयार करना है। यह बैठक गृह मंत्रालय में हो रही है। इस बैठक में आंध्र प्रदेश की आठ पंजीकृत पार्टियां भाग ले रही हैं, जिसमें कांग्रेस, टीडीपी, टीआरएस, प्रजा राज्यम, माकपा, भाकपा, भाजपा और एमआईएम शामिल हैं।

बैठक में शामिल होने के लिए जैसे ही विभिन्न दलों के प्रतिनिधि बैठक स्थल पर पहुंचे पृथक तेलंगाना समर्थक और विरोधी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांग के समर्थन में नारेबाजी की।

टीआरएस नेता और मुख्यमंत्री के अलावा बैठक में भाग लेने वालों में प्रजा राज्यम पार्टी के नेता चिरंजीवी और उनके सहयोगी सी रामचंद्रैया, के एस राव और उत्तम कुमार रेडडी (दोनों कांग्रेस) और वाई रामकृष्ण दू और आर प्रकाश (टीडीपी) शामिल हैं।

भाजपा की आंध्र प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बंडारू दत्तात्रेय और उनके सहयोगी हरि बाबू, बीवी राघवलु और जे रंगरेडडी (माकपा), के नारायणन और मालेश (भाकपा) और असदुददीन ओवैसी और अकबरूद्दीन ओवैसी (एमआईएम) भी बैठक में भाग ले रहे हैं।

बैठक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों के बीच तेलंगाना मुद्दे पर हुई गहन चर्चा के एक दिन बाद हो रही है, क्योंकि टीआरएस प्रमुख ने अलग राज्य स्थापित करने के लिए तत्काल एक संसदीय कानून की मांग की है।

मनमोहन ने मुद्दे पर वरिष्ठ मंत्रिमंडल सहयोगियों वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, गृहमंत्री पी चिदंबरम, रक्षा मंत्री एके एंटनी और कानून मंत्री वीरप्पा मोइली से चर्चा की।

बैठक में भाग लेने के लिए सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे रोसैया ने चिदंबरम और फिर मनमोहन से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मैं यहां कोई समाधान देने नहीं आया हूं। मैं मुख्यमंत्री के रूप में बैठक में शामिल हूंगा।

चंद्रशेखर राव ने मांग की है कि केंद्र को अलग तेलंगाना राज्य बनाने का अपना वायदा पूरा करना चाहिए। उन्होंने मंगलवार को भाकपा महासचिव एबी बर्धन से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकार तेलंगाना पर अपनी नीति की घोषणा कर चुकी है। उसे इसे संवैधानिक प्रक्रिया के जरिए पूरा करना चाहिए। संसद में एक प्रस्ताव लाया जाना चाहिए।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें