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भारत में बीएमडब्ल्यू से पिछड़ी मर्सिडीज, बिक्री 10 प्रतिशत घटी

जर्मनी की लग्जरी कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज की भारत में बिक्री में पिछले साल 10.43 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके साथ ही प्रीमियम वर्ग में कंपनी अपनी शीर्ष स्थिति गंवा चुकी है। प्रीमियम वर्ग में...

भारत में बीएमडब्ल्यू से पिछड़ी मर्सिडीज, बिक्री 10 प्रतिशत घटी
एजेंसीMon, 04 Jan 2010 03:36 PM
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जर्मनी की लग्जरी कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज की भारत में बिक्री में पिछले साल 10.43 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके साथ ही प्रीमियम वर्ग में कंपनी अपनी शीर्ष स्थिति गंवा चुकी है। प्रीमियम वर्ग में बीएमडब्ल्यू ने मर्सिडीज को पीछे छोड़ दिया है।

हालांकि, कंपनी को उम्मीद है कि कई नई पेशकश के बाद वह इस साल दो अंक की वृद्धि दर हासिल कर पाएगी। मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ विल्फ्राइड अल्बर ने संवाददाताओं से कहा कि हम 2009 में बीएमडब्ल्यू से पीछे रहे, क्योंकि हमारी ई-श्रेणी की कारों की उपलब्धता कम थी़। उन्होंने कहा कि हम शीर्ष स्थान पर ध्यान नहीं देना चाहते। हम चाहते हैं कि मुनाफे वाला विकास हासिल किया जाए।

मर्सिडीज ने 2009 में भारत में 3,247 कारें बेची हैं, जबकि 2008 में कंपनी ने 3,625 वाहन बेचे थे। प्रतिद्वंद्वी बीएमडब्ल्यू ने 2009 में भारत में 3,619 कारें की बिक्री की है।

अल्बर ने कहा कि 2010 में हम काफी मजबूत वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इस साल वृद्धि दर दो अंकों में रहेगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या बीएमडब्ल्यू को पछाड़ने के लिए रियायतें देगी, अल्बर ने कहा कि हमारा ध्यान मुनाफे वाली वृद्धि पर है। सिर्फ संख्या बढ़ाना अच्छी रणनीति नहीं है।

कंपनी ने सोमवार को भारतीय बाजार में लग्जरी सीडान एस-क्लास तथा स्पोटर्स यूटिलिटी वाहन जीएल का नया संस्करण पेश किया। इन मॉडलों की कीमत क्रमश: 95 लाख रुपये तथा 64.9 लाख रुपये है।

अल्बर ने बताया कि एस 500एल को हमारे संयंत्र में असेंबल किया जाएगा। यह भारत में बनने वाली सबसे महंगी लग्जरी सीडान होगी। हम जीएल350सीआई को पूर्ण रूप से तैयार इकाई के रूप में आयात करेंगे।

मंगलवार से शुरू हो रहे आटो एक्सपो के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कंपनी अपनी सी-क्लास सीडान का नया संस्करण पेश करेगी। इसके अलावा एक्सपो में ई-कूपे, एम-क्लास एसयूवी तथा डीजल हाइब्रिड के साथ 3-एक्सल बस भी प्रदर्शित करेगी।

उन्होंने भारतीय कार बाजार के कराधान ढांचे पर नाखुशी जताते हुए कहा कि सभी कारों के लिए कर की दर एक समान होनी चाहिए। भारत में छोटी कारों पर जहां आठ प्रतिशत का उत्पाद शुल्क लगता है, वहीं बड़ी कारों पर उत्पाद शुल्क की दर 20 प्रतिशत है।

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