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सहवाग बोले माही वे, धोनी ने कहा वीरू दा जवाब नहीं

भारतीय कोच गैरी कर्स्टन ने अपने खिलाड़ियों को एक दूसरे की सफलता का लुत्फ उठाने और जरूरत पड़ने पर जमकर प्रशंसा करने का जो मंत्र दिया है, उसका बेजोड़ प्रभाव रविवार रात एक समारोह में तब देखने को मिला जब...

सहवाग बोले माही वे, धोनी ने कहा वीरू दा जवाब नहीं
एजेंसीMon, 28 Dec 2009 12:38 PM
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भारतीय कोच गैरी कर्स्टन ने अपने खिलाड़ियों को एक दूसरे की सफलता का लुत्फ उठाने और जरूरत पड़ने पर जमकर प्रशंसा करने का जो मंत्र दिया है, उसका बेजोड़ प्रभाव रविवार रात एक समारोह में तब देखने को मिला जब कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने एक दूसरे की तारीफ में कसीदे कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

अवसर था भारतीय टीम के टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक बनने पर भारत को आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप गदा सौंपने का, लेकिन इस मौके पर मौजूद दोनों खिलाड़ियों धोनी और सहवाग ने एक दूसरे की जमकर प्रशंसा करके माहौल को औपचारिकता से हटकर अधिक जानदार बना दिया तथा फिरोजशाह कोटला में पांचवें एकदिवसीय मैच के रद्द होने की पीड़ा भी कुछ कम कर दी।

धोनी ने सहवाग को विशिष्ट प्रतिभा का धनी और बेमिसाल बल्लेबाज करार दिया तो वीरू ने कहा कि उन्हें एक बेजोड़ कप्तान का साथ मिल रहा है जो खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करने और उनका आत्मविश्वास बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ता।

भारतीय कप्तान ने कहा,  वीरेंद्र सहवाग विशिष्ट प्रतिभा के धनी खिलाड़ी हैं। यदि कोई युवा खिलाड़ी सोचता है कि वह सहवाग जैसे बन सकता है तो यह बहुत मुश्किल है। उनमें एक अलग तरह का आत्मविश्वास दिखता है और वे पूरी तरह से अलग स्तर के बल्लेबाज हैं जो पहली गेंद से ही गेंदबाज पर हावी हो जाना चाहता है।

धोनी ने कहा कि सहवाग के रहने से टीम को दोहरा फायदा होता है और जब वह क्रीज पर होते हैं तो साथी बल्लेबाज को भी बहुत लाभ होता है। उन्होंने कहा, उनके क्रीज पर रहने से साथी खिलाड़ी का भी आत्मविश्वास बढ़ता है। मैंने जब अपना पहला शतक जमाया तो दूसरे छोर पर सहवाग ही खड़े थे। वह गेंदबाजों पर हावी हो जाते हैं जिससे दूसरे छोर पर भी काम आसान हो जाता है। वह अपनी आक्रामक शैली से दूसरे को भी रन बनाने के लिये उकसाते हैं।

सहवाग ने भी अपने कप्तान और कोच की प्रशंसा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और टीम में वापसी के बाद लगातार अच्छा प्रदर्शन करने का श्रेय धोनी और कर्स्टन को दिया। उन्होंने कहा कि आज हम यदि दुनिया की नंबर एक टीम बने हैं तो इसका पूरा श्रेय कोच और कप्तान को जाता है, जिन्होंने हर खिलाड़ी में पूरा आत्मविश्वास जगाया।

इस आक्रामक सलामी बल्लेबाज ने उस दौर को भी याद किया जब वह टीम से बाहर थे। उन्होंने कहा कि मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे इतने अच्छे कोच और कप्तान मिले हैं। जब मैंने टीम में वापसी की तो दोनों ने मुझसे कहा कि तुम में प्रतिभा है और यह मायने नहीं रखता कि आप शून्य पर आउट होते हो या कम स्कोर पर आपका स्थान सुरक्षित है। कप्तान और कोच की ऐसी बातों से आत्मविश्वास बढ़ता है।

सहवाग ने इसके साथ ही पिछले साल के ऑस्ट्रेलियाई टीम के भारत दौरे का भी जिक्र किया जब भारतीय टीम ने टेस्ट सीरीज जीती थी। उन्होंने कहा, कप्तान ने टीम बैठक में सभी खिलाड़ियों से कहा कि भारत हमारा देश है और हमें यहां अपना दबदबा बनाना है। प्रत्येक खिलाड़ी के दिमाग में यह बात बैठ गई और हम सफल रहे।

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