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अंतरराष्ट्रीय समुदाय को खुश करने जेके स्वायत्तता की सिफारिश: भाजपा

भाजपा ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री कार्यसमूह की एक रिपोर्ट के जरिए जम्मू कश्मीर को स्वायत्तता देने की सिफारिश करके सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इशारा किया है कि इस संवेदनशील राज्य के बारे में...

अंतरराष्ट्रीय समुदाय को खुश करने जेके स्वायत्तता की सिफारिश: भाजपा
एजेंसीFri, 25 Dec 2009 03:10 PM
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भाजपा ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री कार्यसमूह की एक रिपोर्ट के जरिए जम्मू कश्मीर को स्वायत्तता देने की सिफारिश करके सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इशारा किया है कि इस संवेदनशील राज्य के बारे में वह अपना रुख बदलने को तैयार है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को शुक्रवार को लिखे पत्र में यह आरोप लगाते हुए आगाह किया इस रिपोर्ट के आधार पर कोई कदम नहीं उठाया जाए।

उन्होंने प्रधानमंत्री से जानना चाहा कि जिस कार्यसमूह की सितंबर 2007 के बाद कोई बैठक नहीं हुई, उसकी ओर से अचानक और एकतरफा तौर पर जम्मू कश्मीर को स्वायत्तता देने की सिफारिश करने वाली रिपोर्ट क्यों जारी कराई गई।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने पत्र में कहा कि मुक्षे यह अंदेशा है कि सरकार अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कुछ वर्ग को यह दर्शाना चाहती है कि जम्मू कश्मीर पर भारत के रुख को वह हल्का करने को तैयार है। क्या यह रिपोर्ट इसी उद्देश्य के लिए जारी नहीं की गई? उन्होंने कहा कि अहम सवाल यह है कि जो कार्यसमूह दो साल से वस्तुत: त्याग सा दिया गया था, उसकी ओर से अचानक एकतरफा तौर पर ऐसी रिपोर्ट क्यों लिखाई गई।

जेटली ने आरोप लगाया कि अवकाश प्राप्त जजों का सरकार का राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ाने के लिए रबड़ स्टैम्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। यह बहुत अनुचित है कि देश की संप्रभुता से जुड़े संवदेनशील राजनीतिक मुद्दे पर अवकाशप्राप्त न्यायाधीश एकतरफा तौर पर रिपोर्ट तैयार करे।

इस रिपोर्ट को अनुचित तौर से तैयार करने का इल्जाम लगाते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि मैंने आपको यह आग्रह करने के लिए यह पत्र लिखा है कि केन्द्र सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर कोई कदम नहीं उठाए।

रिपोर्ट को तमाशा और बकवास बताते हुए उन्होंने सवाल किया कि समूह के सदस्यों से सलाह मशविरा किए बिना न्यायमूर्ति अहमद एकतरफा तौर पर ऐसी सिफारिश कैसे कर सकते हैं।

जेटली, जो कि इस केन्द्र-राज्य संबंधों के बारे में गठित कार्य समूह के सदस्य भी हैं, ने कहा कि समूह की अंतिम बैठक सितंबर 2007 को हुई थी और उसके बाद से कोई बैठक नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायमूर्ति सगीर अहमद ने पिछले 28 महीनों में कुछ नहीं किया और अब एक ऐसी रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कर दिए जो स्वायत्तता और 1953 के पूर्व के मुद्दों पर सिफारिश दे रही है।

भाजपा जम्मू कश्मीर की स्वायत्तता और उसे विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 का विरोध करती आई है।

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