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नाबालिग के यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व डीजीपी दोषी

हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपीएस राठौर को एक किशोरी के यौन उत्पीड़न के मामले में सोमवार को दोषी करार दिया गया। 19 साल पहले घटी इस घटना के लिए स्थानीय अदालत ने उन्हें छह महीने के सश्रम कारावास...

नाबालिग के यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व डीजीपी दोषी
एजेंसीMon, 21 Dec 2009 07:29 PM
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हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपीएस राठौर को एक किशोरी के यौन उत्पीड़न के मामले में सोमवार को दोषी करार दिया गया। 19 साल पहले घटी इस घटना के लिए स्थानीय अदालत ने उन्हें छह महीने के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश जेएस सिद्धू ने दोषी पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसका भुगतान नहीं होने पर उन्हें एक महीने का कड़ा कारावास और भुगतना होगा।

12 अगस्त 1990 को हरियाणा के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक और हरियाणा लान टेनिस संघ के अध्यक्ष राठौर ने 14 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी रुचिका का यौन उत्पीड़न किया था। उसने 1993 में आत्महत्या कर ली। फैसला सुनाए जाते वक्त अदालत में राठौर और उनकी वकील पत्नी आभा राठौर मौजूद थीं।

रुचिका के एक दोस्त की मां मधु प्रकाश ने 1997 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जाकर घटना के मामले में जांच की मांग की थी। एक पुलिस रिपोर्ट में बताया गया था कि प्रथमदृष्टया राठौर के खिलाफ एक मामला है।

बाद में 1998 में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई और सुनवाई पटियाला की एक अदालत में की गई। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले को यहां सीबीआई के विशेष न्यायाधीश को स्थानांतरित कर दिया। अदालत ने दिन प्रतिदिन सुनवाई करने का और एक महीने के भीतर इसे पूरी करने का निर्देश दिया।

मधु ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि मैं खुश हूं कि राठौर को छह महीने के कड़े कारावास की सजा सुनाई गई है लेकिन उसी समय मुझे इस बात का दुख है कि अदालत को मामले में फैसला सुनाने में इतना अधिक समय लगा। यदि राठौर के खिलाफ फैसला पहले सुना दिया जाता तो मेरा मानना है कि रुचिका आत्महत्या नहीं करती।

मधु के पति और हरियाणा सरकार के सेवानिवृत्त कर्मचारी आनंद प्रकाश ने कहा कि मेरा मानना है कि सजा कम है। उन्होंने कहा कि मामले को इतने लंबे समय तक खींचने में राठौर की भूमिका रही। मैं उन पुलिस अधिकारिया और नौकरशाहों के खिलाफ संघर्ष करता रहूंगा जिन्होंने मामले को ढकने के लिए सुनवाई के दौरान राठौर की मदद की। प्रकाश ने कहा कि ये लोग अपराधी हैं और मेरा मानना है कि एक मिसाल पेश की जानी चाहिए ताकि कोई भी कभी महिला के शीलभंग के बारे में सोचने का साहस भी नहीं कर सके।

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