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मास्टर के ब्लास्ट से निकला श्रीलंका का दम

बाएं हाथ के स्पिनर रविंदर जडेजा की बलखाती गेंदों के सहारे श्रीलंका को छोटे स्कोर पर ढेर करने के बाद भारत ने सचिन तेंदुलकर की नाबाद 96 रन की लाजवाब पारी से सोमवार को तीसरे वनडे मैच में सात विकेट की...

मास्टर के ब्लास्ट से निकला श्रीलंका का दम
एजेंसीMon, 21 Dec 2009 11:17 PM
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बाएं हाथ के स्पिनर रविंदर जडेजा की बलखाती गेंदों के सहारे श्रीलंका को छोटे स्कोर पर ढेर करने के बाद भारत ने सचिन तेंदुलकर की नाबाद 96 रन की लाजवाब पारी से सोमवार को तीसरे वनडे मैच में सात विकेट की आसान जीत से पांच मैच की सीरीज में 2-1 से बढ़त बनाई।

जडेजा ने अपने कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 32 रन देकर चार विकेट लिए जिससे श्रीलंका शानदार फार्म में चल रहे तिलकरत्ने दिलशान (41) से मिली तूफानी शुरुआत तथा उपुल तरांगा (73) और कप्तान कुमार संगकारा (46) के बीच 100 रन की साझेदारी के बावजूद बाराबती स्टेडियम में 44.2 ओवर में 239 रन पर ढेर हो गया।

कार्यवाहक कप्तान वीरेंद्र सहवाग (28 गेंद पर 44 रन) ने भारत को भी तेज शुरुआत दी जबकि तेंदुलकर ने दूसरे छोर से एंकर की भूमिका निभाई। भारत को जब जीत के लिए दो रन चाहिए थे तब तेंदुलकर शतक से चार रन दूर थे लेकिन दिनेश कार्तिक (नाबाद 36) ने विजयी चौका जमाया और इस तरह से भारत ने 42.4 ओवर में तीन विकेट पर 242 रन बनाकर सीरीज में बढ़त हासिल की।

तेंदुलकर शुरू से एक छोर पर डटे रहे और उन्होंने श्रीलंका के किसी भी गेंदबाज को कोई मौका नहीं दिया। इस स्टार बल्लेबाज ने नुवान कुलशेखरा की गेंद को कलाई के सहारे मोड़कर चार रन के लिए भेजकर अपने हाथ खोल और इसके बाद जब भी उन्हें ढीली गेंद मिली तब उन्होंने उसे कड़ा सबक सिखाया। अजंता मेंडिस की रहस्यमयी गेंदों का जादू उन्होंने यहां नहीं चलने दिया और इस स्पिनर की खास खबर ली तथा 104 गेंद की अपनी पारी में कुल 13 चौके लगाए।

भारतीय पारी के शुरू में हालांकि सहवाग का बल्ला चमका। उन्होंने कुलशेखरा, लेसिथ मालिंगा और चनाका वेलेगेदारा तीनों के एक-एक ओवर में तीन-तीन चौके लगाए। वेलेगेदारा के जिस ओवर में उन्होंने तीन चौके जड़े उसी में शार्ट पिच गेंद पर उन्होंने बैकवर्ड प्वाइंट पर दिलशान को कैच भी थमाया और इस तरह से कप्तान रहते हुए पहला अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक जड़ने से चूक गए।

गौतम गंभीर ने तेंदुलकर के साथ अर्धशतकीय साझेदारी की लेकिन दिल्ली का यह बल्लेबाज तथा चोट और फ्लू से उबरकर टीम में वापसी करने वाले युवराज सिंह रंग में नहीं दिखे और क्रीज पर अच्छा समय बिताने के बावजूद तेंदुलकर का आखिर तक साथ नहीं दे पाए। गंभीर ने 52 गेंद पर 32 रन बनाए और सूरज रणदीव की धीमी और टर्न लेती गेंद पर उन्हें वापस कैच थमाकर पवेलियन लौटे जबकि 40 गेंद पर 23 रन बनाने वाले युवराज ने वेलेगेदारा की गेंद पर विकेटकीपर संगकारा को कैच दिया।

तेंदुलकर ने इस बीच रणदीव की गेंद पर पैडल स्वीप से दो रन लेकर वन डे में 93वां और श्रीलंका के खिलाफ 17वां अर्धशतक पूरा किया। भारत को जब जीत के लिए 14 रन चाहिए थे तब तेंदुलकर शतक से दस रन दूर थे। कार्तिक ने रणदीव पर पारी का पहला छक्का लगाया जबकि तेंदुलकर ने मालिंगा के अगले ओवर में चौका जमाने के बाद एक रन लिया। कार्तिक तब तेंदुलकर को शतक पूरा करने का मौका देना चाहते थे लेकिन गेंद उनके बल्ले के किनारे से लगकर विकेटकीपर के पीछे चार रन के लिए चली गई।

श्रीलंका एक समय उपुल तरंगा (73) और जबर्दस्त फार्म में खेल रहे तिलकरत्ने दिलशान (41) तथा कप्तान कुमार संगकारा (46) की तूफानी पारियों की बदौलत 23 वें ओवर में दो विकेट पर 165 रन की मजबूत स्थिति में था, लेकिन इसके बाद भारतीय गेंदबाजों खासकर जडेजा ने श्रीलंका पर लगाम कसते हुए उसे सामान्य स्कोर पर रोक दिया।

जडेजा का इससे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तीन विकेट पर 35 रन था, लेकिन इस बार वह उससे आगे निकल गए। श्रीलंका ने अपने आखिरी छह बल्लेबाज 35 रन जोड़कर गंवा दिए। टीम में वापस लौटे तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने 63 रन पर दो विकेट, आशीष नेहरा ने 32 रन पर दो विकेट, हरभजन सिंह ने 29 रन पर एक विकेट और इस मैच में कप्तानी की जिम्मेदारी संभाल रहे वीरेन्द्र सहवाग ने 26 रन पर एक विकेट लेकर श्रीलंका की पारी को समेटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरे श्रीलंका ने पिछले मैचों की तरह इस मैच में भी तूफानी शुरुआत की लेकिन जडेजा ने मध्य ओवरों में कमाल की गेंदबाजी करते हुए तरंगा (73), चामरा कापूगेदेरा (15), नुवान कुलशेखरा (10) और अजंता मेंडिस (6) के विकेट झटक लिए। दिलशान का सबसे कीमती विकेट नेहरा ने लिया। नेहरा की गेंद पर विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने दिलशान का कैच लपका।

तंरगा और दिलशान ने श्रीलंका को एक बार फिर विस्फोटक शुरुआत दी। जहीर, ईशांत और नेहरा तीनों ही श्रीलंका के टॉप आर्डर के बल्लेबाजों पर कोई असर नहीं छोड़ पाए। तरंगा और दिलशान ने 6.2 ओवर में ही 65 रन की ताबड़तोड़ साझेदारी कर डाली। दिलशान जिस खतरनाक अंदाज में खेल रहे थे उससे लग रहा था कि वह सीरीज का लगातार तीसरा शतक भी पूरा करेंगे लेकिन नेहरा ने उन्हें आउट कर भारत के रास्ते का सबसे बड़ा कांटा दूर कर दिया।

दिलशान ने मात्र 18 गेंदों पर 41 रन की अपनी पारी में दस शानदार चौके लगाए। दिलशान के आउट होने के बाद तरंगा और संगकारा ने नए सिरे से भारतीय गेंदबाजों पर मोर्चा खोल दिया। उन्होंने इसी रनगति को बरकरार रखते हुए दूसरे विकेट के लिए 16 ओवर में 100 रन की साझेदारी कर डाली।

महेन्द्र सिंह धोनी पर दो मैचों का प्रतिबंध लगने के कारण इस मैच में टीम की कप्तानी संभाल रहे सहवाग ने अपनी एक शानदार गेंद से संगकारा को छकाया और बचा काम बड़ी मुश्किल से कार्तिक ने उन्हें स्टंप करके पूरा कर दिया। हालांकि कार्तिक के हाथों से एक बार गेंद छिटक भी गई थी लेकिन संगकारा इतना आगे निकल आए थे कि कार्तिक को उन्हें स्टंप करने में कोई परेशानी नहीं हुई। संगकारा ने 41 गेंदों पर 46 रन की अपनी पारी में तीन चौके और एक छक्का लगाया।

संगकारा के आउट होने के चार रन बाद जडेजा ने तरंगा को बोल्ड कर दिया। तरंगा 81 गेंदों में छह चौकों और एक छक्के की मदद से 73 रन बनाकर आउट हुए। इन दो झटकों के बाद श्रीलंकाई पारी फिर संभल नहीं सकी। हरभजन ने महेला जयवर्धने (2) को सुरेश रैना के हाथों कैच करा दिया। उस समय टीम का स्कोर 174 रन था। इसके बाद तो श्रीलंकाई खिलाड़ी मैदान में आते रहे और पवेलियन लौटते रहे। तिलन कादांबी (22) को ईशांत ने बोल्ड किया जबकि इससे पहले कापूगेदरा को जडेजा ने बोल्ड कर दिया। श्रीलंकाई पारी 45 ओवर भी पूरे नहीं कर पाई और 239 रन पर सिमट गई।

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