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तेलंगाना के बाद अन्य राज्यों के गठन की मांग तेज

अलग तेलंगाना राज्य गठित करने के केन्द्र सरकार के फैसले के बाद देश में और कई अन्य राज्यों के गठन की मांग ने जोर पकड़ लिया है। गोरखालैंड के समर्थकों ने अपने लिये पृथक प्रदेश की मांग के लिये दार्जीलिंग...

तेलंगाना के बाद अन्य राज्यों के गठन की मांग तेज
एजेंसीFri, 11 Dec 2009 01:20 AM
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अलग तेलंगाना राज्य गठित करने के केन्द्र सरकार के फैसले के बाद देश में और कई अन्य राज्यों के गठन की मांग ने जोर पकड़ लिया है। गोरखालैंड के समर्थकों ने अपने लिये पृथक प्रदेश की मांग के लिये दार्जीलिंग में बंद का आहवान कर दिया है जबकि राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) नेता अजित सिंह ने भी हरित प्रदेश के गठन के लिये अपना आंदोलन फिर शुरू करने की चेतावनी दे डाली है।

आंध्र प्रदेश के एक हिस्से को अलग करके तेलंगाना राज्य बनाने पर केन्द्र की सहमति के बाद गोरखालैंड और हरित प्रदेश या किसान प्रदेश समेत कम से कम नौ नए राज्यों के गठन के लिये भी आंदोलन तेज हो सकता है। गठन होने के बाद तेलंगाना देश का 29वां राज्य होगा।

बिहार में मिथिलांचल, कर्नाटक में कुर्ग तथा गुजरात में सौराष्ट्र के गठन की दबे लहजे में ही सही लेकिन पिछले काफी अर्से से मांग की जा रही है।

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के महासचिव रोशन गिरि ने दार्जीलिंग से फोन पर कहा केन्द्र सरकार ने अलग तेलंगाना राज्य के गठन को मंजूरी दे दी है लिहाजा केन्द्र को पश्चिम बंगाल का एक हिस्सा काटकर गोरखालैंड सूबे का गठन करने की मांग भी मान लेनी चाहिये।

इस बीच, जीजेएम के अध्यक्ष विमल गुएंग ने कहा कि जीजेएम के 21 सदस्य दार्जीलिंग, कुर्सीओंग, कलिमपोंग तथा सिलीगुड़ी में शुक्रवार से आमरण अनशन शुरू करेंगे। गिरि ने कहा हम पिछले 102 साल से पथक गोरखालैंड के गठन की मांग कर रहे हैं। हमें न्याय मिलना चाहिये। इसके वास्ते दबाव बढ़ाने के लिये हमने आगामी 14 दिसम्बर को दार्जिलिंग में तीन दिनों के बंद का आहवान किया है।

उधर, रालोद नेता अजित सिंह ने कहा कि लोगों ने आमतौर पर हरित प्रदेश के गठन की जरूरत को समझा है।
उन्होंने कहा राहुल गांधी ने भी पृथक बुंदेलखण्ड राज्य के गठन की हिमायत की है। अब सवाल यह है कि सरकार इसे लेकर कदम कब उठाएगी। सरकार ने अगर कुछ नहीं किया तो हम (हरित प्रदेश के लिये) आंदोलन फिर शुरू करेंगे।

इस बीच, गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर मांगें राजनीतिक दलों तथा जीजेएम जैसे संगठनों तथा कुछ व्यक्तियों की तरफ से मिली हैं। सर्वाधिक मुखर संगठनों में से एक तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) की मांग मानने से केन्द्र को जीजेएम की नयी मांगों का सामना करना पड़ सकता है। जीजेएम दार्जिलिंग तथा पश्चिम बंगाल में उससे लगे इलाकों को मिलाकर अलग गोरखालैंड राज्य बनाने की मांग कर रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बांदा, चित्रकूट, झांसी, ललितपुर तथा सागर जैसे जिलों को मिलाकर बुंदेलखंड राज्य की मांग लम्बे समय से मंत्रालय में लंबित है।

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