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अवैध धर्मस्थल निर्माण पर कोर्ट की राज्यों को चेतावनी

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्यों को चेतावनी दी कि यदि वे सार्वजनिक स्थानों पर मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों जैसे धर्मस्थलों के नये सिरे से निर्माण को अनुमति देते हैं तो वे गंभीर समस्या में रहेंगे और...

अवैध धर्मस्थल निर्माण पर कोर्ट की राज्यों को चेतावनी
एजेंसीMon, 07 Dec 2009 08:20 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्यों को चेतावनी दी कि यदि वे सार्वजनिक स्थानों पर मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों जैसे धर्मस्थलों के नये सिरे से निर्माण को अनुमति देते हैं तो वे गंभीर समस्या में रहेंगे और नतीजे भुगतने होंगे।

न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और न्यायमूर्ति ए़क़े पटनायक की पीठ ने राज्यों- केंद्रशासित प्रदेशों को 29 सितंबर के अपने निर्देश पर कार्यपालन रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया, जिसमें प्रार्थना के नये स्थानों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाया गया था। अदालत ने कहा कि इसमें विफल रहने पर संबंधित मुख्य सचिव-प्रशासक चार फरवरी को निजी तौर पर अदालत में पेश होंगे। शीर्ष न्यायालय ने मुख्य सचिवों, प्रशासकों को इस निर्देशों को हल्के में नहीं लेने की भी चेतावनी दी।

पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति भंडारी ने कहा कि हम नहीं चाहते कि कोई नया निर्माण कार्य हो। हमारे आदेश के बाद यदि कुछ होता है तो आप बहुत कठिनाई में फंस जाएंगे और नतीजे कुछ भी हो सकते। उन्होंने अनेक राज्य सरकारों की तरफ से मौजूद वकीलों से कहा कि मुख्य सचिव अपने हलफनामे दाखिल करें। वे इसे हल्के में नहीं ले सकते, जैसा कि वे अन्य मामलों में करते हैं।

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