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समग्र वार्ता शुरू करने में भारत निभाए जिम्मेवारीः पाक

समग्र वार्ता फिर से शुरू करने की मांग करते हुए पाकिस्तान ने कहा है कि भारत को जिम्मेदाराना तरीके से काम करना चाहिए और नकारात्मक दृष्टिकोण से बचना चाहिए। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने...

समग्र वार्ता शुरू करने में भारत निभाए जिम्मेवारीः पाक
एजेंसीFri, 04 Dec 2009 12:52 PM
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समग्र वार्ता फिर से शुरू करने की मांग करते हुए पाकिस्तान ने कहा है कि भारत को जिम्मेदाराना तरीके से काम करना चाहिए और नकारात्मक दृष्टिकोण से बचना चाहिए।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि हम एक चुनौती का सामना कर रहे हैं, लेकिन हम अकेले नहीं सामना कर सकते। हमें एक क्षेत्रीय प्रयास की जरूरत है। भारत एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय देश है और उसे जिम्मेदारी से काम करना होगा।

प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी के साथ गए कुरैशी ने एक तरह से भारत के रुख का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को एक ही बात नहीं दोहरानी चाहिए। भारत ने कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ तब तक समग्र वार्ता शुरू नहीं करेगा, जब तक कि पाक मुंबई आतंकी हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता।

कुरैशी ने एनडीटीवी समाचार चैनल से कहा कि भारत को सकारात्मक होना होगा। आपको नकारात्मक दृष्टिकोण नहीं रखना चाहिए। यदि आप नकारात्मक हैं तो आप मामले में मदद नहीं कर रहे हैं। भारत ने कहा है कि हम बातचीत नहीं करेंगे। एक ऐसी स्थिति आएगी जब पाकिस्तान कहेगा रहने दो।

कुरैशी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से इतर भारतीय विदेश मंत्री से अपनी मुलाकात को याद करते हुए कहा कि भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने अपने नेतृत्व से बातचीत करने के बाद वापस आने का वादा किया था, लेकिन अब तक उनकी तरफ से कुछ नहीं हुआ।


कुरैशी ने कहा कि वे अभी भी इस रुख पर हैं कि पाकिस्तान को और काम करने की जरूरत है। यदि आप एक ही बात पर अड़े रहेंगे तो आप केवल माहौल बिगाड़ेंगे। मैं दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार चाहता हूं। मैं दरअसल प्रगति और रिश्तों का सामान्यीकरण देखना चाहता हूं।

कुरैशी ने कहा कि न्यूयॉर्क में मैंने कृष्णा के साथ एक रोड मैप पर और क्षेत्र के सामने आ रहीं चुनौतियों पर चर्चा की थी। मुंबई हमलों के साजिशकर्ता हाफिज सईद और जैश- ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ साक्ष्य वाले भारतीय दस्तावेज के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आपको साक्ष्यों में भेद करना होगा, जो कूटनीतिक तरीके से दोस्तों और सहयोगियों से साझा किए गए हैं और जो कानूनी तौर पर तर्कसंगत हैं। और यदि आप अंतर नहीं करते तो कानूनी अदालतें आपके मामले को अलग कर देंगी।

कुरैशी ने शर्म अल शेख में पाकिस्तानी नेतृत्व से बातचीत करने के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कदम की सराहना की और इसे सकारात्मक कहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बहुत सही तरीके से इस बात पर सहमति जताई कि बातचीत ही आगे का एकमात्र समझदारी वाला रास्ता है।

हाल ही में संपन्न हुई चोगम शिखरवार्ता के दौरान कृष्णा और कुरैशी ने द्विपक्षीय बातचीत नहीं की, जबकि दोनों इस दौरान वहां मौजूद थे।

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