फोटो गैलरी

Hindi Newsविश्व मुक्केबाजी सीरीज में विदेशी टीम से भी खेल सकते हैं विजेंदर

विश्व मुक्केबाजी सीरीज में विदेशी टीम से भी खेल सकते हैं विजेंदर

बीजिंग ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने वाले विजेंदर सिंह ने कहा है कि अगर विश्व मुक्केबाजी सीरीज की भारतीय फ्रेंचाइजी वीडियोकान उनके साथ अनुबंध करने में विफल रहती है तो...

विश्व मुक्केबाजी सीरीज में विदेशी टीम से भी खेल सकते हैं विजेंदर
एजेंसीWed, 02 Dec 2009 12:40 PM
ऐप पर पढ़ें

बीजिंग ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने वाले विजेंदर सिंह ने कहा है कि अगर विश्व मुक्केबाजी सीरीज की भारतीय फ्रेंचाइजी वीडियोकान उनके साथ अनुबंध करने में विफल रहती है तो उन्हें इस बहुप्रतीक्षित प्रतियोगिता में विदेशी फ्रेंचाइजी की ओर से रिंग में उतरने से भी कोई गुरेज नहीं है।

ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज विजेंदर ने कहा कि विश्व मुक्केबाजी सीरीज को लेकर वीडियोकान से बात चल रही है लेकिन अभी कुछ तय नहीं हुआ है।
     
मिडिलवेट में दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज विजेंदर (75 किग्रा) ने अगले साल सितंबर में शुरू हो रही विश्व मुक्केबाजी सीरीज के लिए वीडियोकान से अनुबंध के बारे में पूछने पर पटियाला से फोन पर कहा कि मेरा मैनेजर उनसे (वीडियोकान) बात कर रहा है लेकिन अभी कुछ तय नहीं हुआ है। अभी बातचीत शुरूआती दौर में है।


हर फ्रेंचाइजी टीम में दस मुक्केबाज होंगे, जिसमें अधिकतम तीन विदेशी हो सकते हैं और ऐसे में भिवानी के इस मुक्केबाज ने विदेशी टीम की ओर से रिंग में उतरने की संभावना से भी इंकार नहीं किया।
     
उन्होंने कहा कि यह काफी बड़ी प्रतियोगिता है और मैं इसमें भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहता हूं, लेकिन मेरे पास विदेशी टीम की ओर से रिंग में उतरने का भी विकल्प है। मैंने दोनों विकल्प खुले रखे हैं और अगर वीडियोकान से करार नहीं होता तो मैं विदेशी टीम के लिए भी खेल सकता हूं।

विश्व सीरीज में दिल्ली के अलावा एस्ताना (कजाखस्तान), बुसान (कोरिया) और बीजिंग (चीन) एशियाई फ्रेंचाइजी होंगी, जबकि यूरोप और अमेरिका की फ्रेंचाइजी का खुलासा जनवरी तक किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ की अनूठी मुक्केबाजी सीरीज में तीन उपमहाद्वीपों की 12 फ्रेंचाइजी टीमें भाग लेंगी।

विजेंदर ने कहा कि यह बड़ी प्रतियोगिता है और इससे पूरे भारत में मुक्केबाजी को बढ़ावा मिलेगा। एआईबीए अध्यक्ष चिंग कुओ वू को इसका पूरा श्रेय जाता है। काफी रणनीतियों के बाद इस प्रतियोगिता को तैयार किया गया है।
     
उन्होंने कहा कि अभी मुक्केबाजी भारत के कुछ क्षेत्रों में ही केंद्रित है लेकिन विश्व सीरीज से पूरे देश में मुक्केबाजी का प्रचार होगा और अधिक से अधिक युवा इस खेल से जुड़ेंगे।
     
भिवानी के इस मुक्केबाज ने कहा कि इससे भारत को ओलंपिक स्तर के मुक्केबाज मिलेंगे। विश्व सीरीज में प्रतिस्पर्धा का स्तर काफी ऊंचा होगा, जिससे भारत को ओलंपिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज मिलेंगे और साथ की रिजर्व मुक्केबाजों का पूल भी काफी मजबूत होगा।

विजेंदर ने कहा कि मैं इस प्रतियोगिता में प्रतिस्पर्धा के कड़े स्तर को लेकर चिंतित नहीं हैं। मैं अपने वजन वर्ग का नंबर एक मुक्केबाज हूं। मैं एशियाई फ्रेंचाइजी के सभी मुक्केबाजों को हरा चुका हूं, लेकिन इस प्रतियोगिता में उस दिन का प्रदर्शन ही मायने रखेगा।
     
विश्व मुक्केबाजी सीरीज में तीन-तीन मिनट के मुकाबलों के पांच दौर होंगे, जिसमें मुक्केबाज सुरक्षा साजो-सामान के बिना खेलेंगे। विजेंदर का मानना है कि यह किसी भी मुक्केबाज के लिए आसान नहीं होगा और उसे पूरी तैयारी के साथ रिंग में उतरना होगा क्योंकि एक छोटी सी गलती भी घातक साबित हो सकती है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें