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भारत को पूछताछ की इजाजत नहीं: अमेरिका

भारत को निशाना बनाने की लश्कर-ए-तैयबा की प्रमुख आतंकी साजिश को विफल बनाने वाले अमेरिका ने कहा है कि वह मामले के ब्यौरे का खुलासा करेगा लेकिन साथ ही उसने भारतीय जांचकर्ताओं को गिरफ्तार किए गए दो...

भारत को पूछताछ की इजाजत नहीं: अमेरिका
एजेंसीSat, 28 Nov 2009 12:05 PM
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भारत को निशाना बनाने की लश्कर-ए-तैयबा की प्रमुख आतंकी साजिश को विफल बनाने वाले अमेरिका ने कहा है कि वह मामले के ब्यौरे का खुलासा करेगा लेकिन साथ ही उसने भारतीय जांचकर्ताओं को गिरफ्तार किए गए दो संदिग्ध आतंकियों डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर राणा से पूछताछ की इजाजत देने के मामले में कानूनी बाधाओं की ओर ध्यान दिलाया।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेम्स जोन्स ने कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हेडली-राणा मामले में व्यक्तिगत तौर पर रूचि ली है और पिछले मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ हुई उनकी मुलाकात में इस मुद्दे पर चर्चा की गई।

जोन्स ने बताया कि इस बारे में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने विचार-विमर्श किया तथा चर्चा के नतीजों से दोनों काफी संतुष्ट थे। यह बात उन्होंने एफबीआई द्वारा पिछले माह पाकिस्तान मूल के अमेरिकी नागरिक हेडली और पाकिस्तान मूल के कनाडा के नागरिक राणा को गिरफ्तार कर विफल की गई आतंकी साजिश के बारे में पूछे जाने पर कही।
     
उन्होंने कहा कि ओबामा ने अमेरिकी अधिकारियों से कहा है कि वे हेडली-राणा मामले में भारत के साथ सूचनाएं साझा करें हालांकि इस बारे में देश की कानूनी प्रणाली के तहत तमाम तरह की बाधाएं हैं।

जोन्स ने कहा कि हमारे पास जो भी सूचनाएं हैं उन्हें हम राष्ट्रपति के निर्देश पर भारतीय समकक्षों के साथ बांट रहे हैं जिससे भारत को कुछ मदद मिल सके। राष्ट्रपति के दिशा-निर्देश पर हम कानूनी तौर पर जितना कुछ भी कर सकते हैं, मामले की प्रक्रिया को खतरे में डाले बिना कर रहे हैं।
    
बहरहाल, उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत जांचकर्ताओं को लश्कर के गिरफ्तार सदस्यों से मिलवाने की अनुमति देने में असमर्थ है क्योंकि यहां की कानूनी प्रणाली के कुछ पहलुओं में आरोपी के अधिकारों को संरक्षण दिया गया है।

उन्होंने कहा कि हमारी कानूनी प्रणाली के कुछ पहलु हैं जो आरोपी के अधिकारों का संरक्षण करते हैं। हमारी प्रणाली में ऐसे अधिकारों का संरक्षण किया जाता है। अमेरिका भारत को यह बताने की प्रक्रिया में है कि वह क्या कर सकता है और क्या नहीं।

भारतीय जांचकर्ताओं का एक दल एफबीआई द्वारा गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों से पूछताछ करने के लिए हाल में अमेरिका गया था ताकि वे अपनी जांच को आगे बढ़ा सकें। वे लोग खाली हाथ वापस लौट गए क्योंकि उन्हें इनमें से किसी व्यक्ति से मिलने की इजाजत नहीं दी गई।

साथ ही जोन्स ने यह भी कहा कि हमने भारत के साथ सूचनाएं साझा की हैं और हम पूरी तरह से सहयोग दे रहे हैं।

उन्होंने मामले में अमेरिका द्वारा भारत को दी गई सहायता का कोई भी ब्यौरा देने से इंकार कर दिया हालांकि उन्होंने इसे सहयोग की अच्छी मिसाल करार दिया

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने बताया कि  हेडली मामला फिलहाल न्यायिक प्रक्रिया में है। मैं इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहता क्योंकि इससे किसी भी तरह मामले को नुकसान न पहुंचे। इस विशेष मामले में आगे बढ़ने के लिए काफी कुछ है। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि यह मामला सहयोग की अच्छी मिसाल है जो यहां शुरू हुई है।

साजिश को विफल करने के बाद समझा जा रहा है कि अमेरिकी जांचकर्ताओं ने दोनों लोगों से की गई पूछताछ और सुरागों को साझा किया, जिसके आधार पर भारतीय जांचकर्ता आगे बढ़ रहे हैं।

सुरागों के आधार पर भारत जांचकर्ताओं ने हेडली और राणा के कई संपर्कों को बेनकाब किया है। इनमें उनकी भारत यात्राओं, वे स्थान जहां वे गए और वे लोग जिनसे वे मिले, के बारे में खुलासा किया है।

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