महिंद्रा सत्यम के मामले में विशेष मदद नहीं: खुर्शीद
सरकार ने गुरुवार को कहा कि खातों के पुनरीक्षण के लिए समयसीमा छह महीने बढ़ाकर जून 2010 किए जाने से महिंद्रा सत्यम की कोई मदद नहीं की गई है। यह पूछे जाने पर कि क्या इस कदम से शेयरधारकों पर असर पड़ेगा,...
सरकार ने गुरुवार को कहा कि खातों के पुनरीक्षण के लिए समयसीमा छह महीने बढ़ाकर जून 2010 किए जाने से महिंद्रा सत्यम की कोई मदद नहीं की गई है।
यह पूछे जाने पर कि क्या इस कदम से शेयरधारकों पर असर पड़ेगा, कंपनी मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, किसी को कोई विशेष तरजीह नहीं दी गयी है। मुझे लगता है कि शेयरधारकों के लिए जो कुछ भी बेहतर किया जा सकता था, उन्होंने (महिंद्रा सत्यम ने) किया है। उन्होंने जो कुछ भी हमसे मदद मांगी, हमनें उन्हें दी।
इससे पहले, कंपनी लॉ बोर्ड ने खातों की पुनरीक्षा की समय सीमा दिसंबर 2009 से बढ़ाकर जून 2010 कर दी है।
खुर्शीद ने आगे कहा, किसी प्रकार की कठोरता नहीं दिखायी गई है। वे जो अच्छे काम कर रहे हैं, उन पर विश्वास किया जाए। उन्हें (महिंद्रा सत्यम) कठिन चुनौती मिली है और अगर उन्हें इसके लिए और अधिक समय की जरूरत है, मुझे लगता है कि कानूनी प्रक्रिया उन्हें यह मौका देती है।
सीएलबी ने पूर्व में महिंद्रा सत्यम को खातों की पुनरीक्षा के लिए दिसंबर 2009 का समय दिया था। प्रक्रिया की जटिलता को देखते हुए कंपनी की वित्तीय स्थिति की सही तस्वीर प्राप्त करने के लिए समयसीमा में छह महीने की बढ़ोतरी कर दी गई।