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Hindi Newsआतंकवाद समेत कुल छह मुद्दों पर भारत-यूएस समझौता

आतंकवाद समेत कुल छह मुद्दों पर भारत-यूएस समझौता

भारत और अमेरिका ने आतंकवाद से मुकाबले के लिए एक सहमति पत्र (एमओयू) तथा पांच अन्य समझौतों पर हस्ताक्षर किये। दोनों देशों ने कहा कि वे अपने सम्बन्धों के जरिये 21वीं शताब्दी में रिश्तों की परिभाषा...

आतंकवाद समेत कुल छह मुद्दों पर भारत-यूएस समझौता
एजेंसीWed, 25 Nov 2009 04:29 PM
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भारत और अमेरिका ने आतंकवाद से मुकाबले के लिए एक सहमति पत्र (एमओयू) तथा पांच अन्य समझौतों पर हस्ताक्षर किये। दोनों देशों ने कहा कि वे अपने सम्बन्धों के जरिये 21वीं शताब्दी में रिश्तों की परिभाषा लिखेंगे और इस सदी में भारत क्षेत्र तथा दुनिया में नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाएगा।

वैश्विक सुरक्षा के विस्तार तथा आतंकवाद से मुकाबला करने के समझौते के अलावा दोनों देशों ने शिक्षा और विकास, स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग, आर्थिक व्यापार तथा कृषि और हरित सहयोग सम्बन्धी समझौते पर दस्तखत किये।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच व्हाइट हाउस में हुई बातचीत के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए। ओबामा प्रशासन के 10 माह के कार्यकाल के दौरान मनमोहन अमेरिका के पहले राजकीय अतिथि हैं।

आतंकवाद से मुकाबला करने के समझौते के तहत दोनों देशों ने इस चुनौती से निपटने और अपने साझा आदर्शों तथा मूल्यों की रक्षा के लिए अपने सामूहिक प्रयासों को दोगुना करने की प्रतिबद्धता जताई।

इसके साथ ही दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहमति तथा कानूनी व्यवस्था को मजबूत बनाने की भी प्रतिबद्धता जताई। समझौते में दोनों देशों ने फिसाइल मटीरियल कटऑफ संधि पर बातचीत जल्द शुरू करने का समर्थन भी व्यक्त किया है।

दोनों नेताओं की निगाह अप्रैल, 2010 में होने वाली परमाणु सुरक्षा शिखर बैठक पर है। उन्होंने इस मामले पर एक-दूसरे से नियमित रूप से विचार-विमर्श करने की भी बात कही।

दोनों देशों ने व्यापक जनसंहार के हथियारों तथा मिसाइल सम्बन्धी प्रौद्योगिकी का प्रसार रोकने और परमाणु हथियार से मुक्त दुनिया की साझा सोच पर अमल के लिए मिलजुलकर काम करने का संकल्प भी दोहराया।
इससे पहले, ओबामा ने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 21वीं सदी में भारत-अमेरिका सम्बन्ध रिश्तों की नई परिभाषा लिखेंगे।

उन्होंने कहा भारत एक उभरती और जिम्मेदार महाशक्ति है। मुझे विश्वास है कि अमेरिका और भारत के आपसी रिश्ते 21वीं सदी में सम्बन्धों को परिभाषित करने वाले रिश्ते साबित होंगे।

भारत और अमेरिका के बीच शिक्षा और विकास के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिये दोनों पक्षों ने सिंह-ओबामा 21वीं शताब्दी ज्ञान पहल की शुरुआत की। इसके तहत विश्वविद्यालयीय सम्बन्धों को और मजबूत करने तथा जूनियर फैकल्टी के विकास के लिये सहयोग को और बढ़ाने के वास्ते संयुक्त वित्तपोषण के लिये एक करोड़ डॉलर मुहैया कराए जाएंगे।

दोनों देशों ने स्वच्छ उर्जा, जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा पर भी सहयोग को और मजबूत करने के लिए हरित साझीदारी की भी शुरुआत की। दोनों पक्षों ने सरकारी वित्तपोषण तथा निजी क्षेत्र की मदद से शुरू होने वाले इंडो-यूएस क्लीन एनर्जी रिसर्च एण्ड डेपलॉयमेंट इनीशियेटिव की भी घोषणा की।

इस नई पहल के तहत संयुक्त अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया जाएगा। भारत और अमेरिका में संचालित होने वाले इस केन्द्र का मकसद स्वच्छ उर्जा सम्बन्धी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में तेजी लाने की साझा कोशिशों में मदद करना है।

भारत और अमेरिका ने कृषि सहयोग तथा खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर भी समझौता किया। इस समझौते से दोनों मुल्कों की सरकारों के बीच इस दिशा में मजबूत सहयोग का रास्ता खुलेगा। इस समझौते के तहत दोनों देश फसलों के बारे में पूर्वानुमान, उनका प्रबंधन, बाजार सूचना तथा क्षेत्रीय एवं वैश्विक खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग करेंगे।

समझौते के तहत दोनों देश फसलों की मात्रा, उसकी सुरक्षा तथा पौष्टिक गुणवत्ता में सुधार के लिए जानकारी एकत्र करने पर परस्पर सहयोग को बढ़ाएंगे। इसके अलावा दोनों मुल्क बाजार संस्थाओं को मजबूत करने और पर्याप्त मात्रा तथा समुचित गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ हासिल करने में भी सहयोग करेंगे।

बौद्धिक सम्पदा के क्षेत्र में सहयोग के लिए अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय के पेटेंट एवं ट्रेड़मार्क कार्यालय तथा भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के बीच भी समझौते पर हस्ताक्षर किये गए।

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