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श्रीलंका में विस्थापितों को आवाजाही की स्वतंत्रता स्वागतयोग्यः संरा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने श्रीलंका के उत्तरी वावुनिया जिले में सैन्य सुरक्षा वाले शिविरों में रह रहे विस्थापित तमिलों को आवाजाही की स्वतंत्रता देने के कोलंबो के फैसले का स्वागत किया...

श्रीलंका में विस्थापितों को आवाजाही की स्वतंत्रता स्वागतयोग्यः संरा
एजेंसीSun, 22 Nov 2009 10:28 AM
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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने श्रीलंका के उत्तरी वावुनिया जिले में सैन्य सुरक्षा वाले शिविरों में रह रहे विस्थापित तमिलों को आवाजाही की स्वतंत्रता देने के कोलंबो के फैसले का स्वागत किया है।

बान के प्रवक्ता द्वारा यहां जारी वक्तव्य में कहा गया कि महासचिव ने श्रीलंका सरकार द्वारा उत्तरी श्रीलंका के शिविरों में अब भी रह रहे आंतरिक रूप से विस्थापितों को आवाजाही की स्वतंत्रता देने की अनुमति देने का स्वागत किया है।

इसमें कहा गया कि इन कदमों के लिए संयुक्त राष्ट्र लंबे समय से श्रीलंकाई अधिकारियों पर दबाव बना रहा था। इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने मई में अपनी श्रीलंका यात्रा के दौरान भी दबाव बनाया था।

राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के भाई और पुनर्वास मामलों के कार्यबल के अध्यक्ष बेसिल राजपक्षे ने वावुनिया में संवाददाताओं को बताया कि सरकार ने यह फैसला विस्थापितों के मानवाधिकार का सम्मान करते हुए किया है।

सरकार ने सुरक्षा कारणों और लिट्टे के वफादारों के फिर से सिर उठाने की संभावनाओं के मद्देनजर विस्थापितों की गतिविधियों पर पाबंदी लगा रखी थी। राजपक्षे ने यह भी कहा कि पाबंदियों में ढी़ल देने का यह फैसला जनवरी के अंत तक लागू हो पाएगा, जब युद्ध में विस्थापित हुए सभी लोगों की घर वापसी हो जाएगी।

उन्होंने कहा, हमने एक दिसंबर से इन लोगों को आवाजाही की स्वतंत्रता की अनुमति देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, वे शिविरों के भीतर और बाहर आने जाने के लिए स्वतंत्र हैं। यहां तक कि वे अपने घर भी जा सकते हैं।

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