फोटो गैलरी

Hindi Newsराणा की जमानत याचिका पर सुनवाई टली

राणा की जमानत याचिका पर सुनवाई टली

भारत में आतंकी हमलों के षड़यंत्र के आरोप में गिरफ्तार पाकिस्तान मूल के नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा की जमानत याचिका पर सुनवाई दो दिसंबर तक के लिए टल गई है। अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि मजिस्ट्रेट जज...

राणा की जमानत याचिका पर सुनवाई टली
एजेंसीThu, 19 Nov 2009 01:33 PM
ऐप पर पढ़ें

भारत में आतंकी हमलों के षड़यंत्र के आरोप में गिरफ्तार पाकिस्तान मूल के नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा की जमानत याचिका पर सुनवाई दो दिसंबर तक के लिए टल गई है।

अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि मजिस्ट्रेट जज नैनआर नोलन के सामने होने वाली राणा की जमानत याचिका पर सुनवाई दो दिसंबर तक के लिए टाल दी गई है। शुरुआत में यह 10 नवंबर को होने वाली थी, जिसके बाद इसकी तिथि 19 नवंबर कर दी गई थी।

पाकिस्तान मूल के कनाडाई नागरिक राणा को एफबीआई ने पिछले महीने भारत और डेनमार्क में हमलों को अंजाम देने की योजना बनाने के आरोप में डेविड कोलमन हेडली के साथ गिरफ्तार किया था। अभियोजकों को राणा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के लिए 14 जनवरी तक का समय दिया गया है।

राणा ने हेडली के साथ पिछले कई सालों में कई बार भारत की यात्रा की थी। स्कूल में एक साथ पढ़े इन दोनों पर एक जैसे आरोप लगाए गए हैं। इसके पहले अमेरिकी अटॉर्नी पेट्रिक जे फित्जगेराल्ड के निवेदन पर शुक्रवार को चीफ जस्टिस जेम्स एफ होल्डरमेन ने राणा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के लिए 14 जनवरी तक का समय दे दिया था।

इसके पहले 30 अक्टूबर को अदालत ने हेडली के संदर्भ में सरकार के निर्विरोध प्रस्ताव पर सरकार को हेडली के खिलाफ अभ्यारोपण दाखिल करने के लिए एक जनवरी, 2010 तक का समय दे दिया था।

अतिरिक्त समय की मांग करते हुए अमेरिकी एटॉर्नी ने कहा था कि संघीय अभियोजकों को जांच पूरी करने के लिए समय चाहिए। उन्होंने कहा था कि जांच में कई टेलीफोन वार्ताओं और ईमेल संचार का अध्ययन किया जाना है, जो विदेशी भाषाओं में हैं।

इसमें कहा गया था 18 अक्टूबर को संघीय एजेंटों ने चार अलग-अलग स्थानों पर चार सर्च वारंट तामील किए और अन्य सबूतों के साथ कई कंप्यूटर भी जब्त किए। एजेंट इन सबूतों का बारीकी से निरीक्षण कर रहे हैं।

अमेरिकी एटॉर्नी ने कहा था कि जांच से जुड़े विवरण और मिले सभी सबूत सीलबंद करके पेश कर दिए गए हैं। सरकार निवेदन करती है कि इन्हें सीलबंद ही रखा जाए, ताकि जांच में कोई समक्षौता न करना पड़े।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें