25:15 पर एनडीए की मुहर
बिहार एनडीए में सीट बंटवार को लेकर शुक्रवार को औपचारिक घोषणा कर दी गयी। घोषणा के अनुसार 25:15 के फामरूले पर जदयू और भाजपा के बड़े नेताओं में समझौता हुआ। गत लोकसभा चुनाव में भी जदयू-भाजपा 24:16 के...
बिहार एनडीए में सीट बंटवार को लेकर शुक्रवार को औपचारिक घोषणा कर दी गयी। घोषणा के अनुसार 25:15 के फामरूले पर जदयू और भाजपा के बड़े नेताओं में समझौता हुआ। गत लोकसभा चुनाव में भी जदयू-भाजपा 24:16 के फामरूले पर मैदान में उतरी थी।ड्ढr ड्ढr मुख्यमत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली से लौटने के बाद पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा कि जदयू और भाजपा के बीच बिहार की लोकसभा सीटों के बंटवार की घोषणा महज औपचारिकता है। 25:15 का फामरूला पहले ही तय हो गया था। उन्होंने बताया कि 23 मार्च से पहले जदयू पहले चरण के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर देगा। अब दोनों दलों के नेता चुनाव प्रचार के लिए उतरंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि वह अप्रैल के पहले सप्ताह से सघन चुनाव प्रचार में जुट जायेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली में झारखंड और यूपी की सीटों पर तालमेल पर भी बात हुई है। मुख्यमंत्री ने जदयू और भाजपा के बीच दो सीटों को लेकर गहराते विवाद के मद्देनजर भाजपा के शीर्ष नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और अरुण जेटली से बात की। इसके बाद शाम को दोनों दलों के बीच तालमेल की औपचारिक घोषणा की गई। अब यह तय हो गया कि 25:15 के फामरूले पर ही बिहार में एनडीए चुनाव लड़ेगा। ऐसे में किशनगंज या मधुबनी सीट पर उत्पन्न गतिरोध भी खत्म हो चुका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा नेता अरुण जेटली, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व एनडीए के कार्यकारी संयोजक शरद यादव, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह से भी बिहार में सीटों को लेकर विमर्श किया।ड्ढr ड्ढr मालूम हो कि बिहार एनडीए में किशनगंज और मधुबनी सीट को लेकर गतिरोध था। इस मामले में जदयू और भाजपा आमने-सामने थीं। भाजपा इन सीटों को छोड़ने को तैयार नहीं थी तो जदयू इन्हें हर हाल में भाजपा से छीनने की तैयारी में था।ड्ढr ड्ढr जेटली नाराज बैठक में नहीं आएड्ढr नई दिल्ली (वि.सं.)। सुधांशु मित्तल को पूवरेत्तर का सह-प्रभारी बनाए जाने से खिन्न भाजपा के महासचिव अरुण जेटली शुक्रवार को पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में शामिल नहीं हुए। जेटली ने बिहार में भाजपा-ादयू गठबंधन के लिए होने वाली बैठक में हिस्सा लिया। दोपहर में लालकृष्ण आडवाणी के निवास पर हुए भोज में भी वे शामिल हुए।ड्ढr पार्टी सूत्रों का अनुमान है कि केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में वे अपने रोष को व्यक्त करने के लिए शामिल नहीं हुए। सूत्रों के अनुसार, बैठक में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि जेटली की गैर-मौजूदगी को मीडिया मुद्दा बना रहा है। उन्होंने इस मसले पर अध्यक्ष से सफाई देने की मांग की। वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि इस तरह के विरोध से पार्टी कमजोर होती है। महासचिव विजय गोयल ने कहा कि इससे गलत संदेश जा रहा है। पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने कहा कि जिन लोगों को पूरा चुनाव का प्रबंधन सौंपा गया है, वे इस तरह का आचरण करंगे तो पार्टी का उससे भला नहीं होने वाला है। आडवाणी ने मसले पर कोई हस्तक्षेप नहीं किया।ड्ढr ड्ढr इस सिलसिले में पार्टी की कोई ब्रीफिंग भी नहीं हुई। खबर लिखे जाने तक आडवाणी जी के निवास पर पार्टी की कोर कमेटी की बैठक हो रही थी। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि मित्तल की नियुक्ित पार्टी के वरिष्ठ नेता आडवाणी के कहने के बाद हुई है।