अगले दो दशक में आर्कटिक हो सकता है बर्फ विहीन
एक ताजातरीन अध्ययन में समुद्री बर्फ के खत्म होने की दर में तेजी से इजाफे पर चिंता प्रकट करते हुए अंदेशा जताया गया है कि अगले दो दशक में गर्मियों के दौरान आर्कटिक से बर्फ गायब हो सकती है। कैंब्रिज...
एक ताजातरीन अध्ययन में समुद्री बर्फ के खत्म होने की दर में तेजी से इजाफे पर चिंता प्रकट करते हुए अंदेशा जताया गया है कि अगले दो दशक में गर्मियों के दौरान आर्कटिक से बर्फ गायब हो सकती है।
कैंब्रिज युनिवर्सिटी के पोलर ओशन फिजिक्स ग्रुप के अनुसंधान पर आधारित रिपोर्ट में संभावना व्यक्त की गई है कि 2020 की गर्मियां में मालवाहक पोत उत्तर ध्रुव में खुले पानी में सफर करने लग सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि धरती वह हिम शिखर खो देगी जिसे अंतरिक्ष से ली गई तस्वीरों में अभी देखा जा सकता है।
द टाइम्स आनलाइन ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि यह मार्ग हर साल कई माह तक बर्फ से मुक्त रहेगा। अभी सुदूर पूर्व से यूरोप की सामान्य यात्रा सुएज नहर हो कर की जाती है। बर्फ से मार्ग के मुक्त होने से इस यात्रा में तीन हजार मील की कटौती हो जाएगी। ब्रिटिश दैनिक ने कैंब्रिज में ओशन फिजिक्स के प्रोफेसर पीटर वाडहम्स के हवाले से कहा कि उत्तरी ध्रुव दस साल में बर्फ विहीन हो जाएगा। आप किसी जापानी कार वाहक पोत को उत्तर ध्रुव और वहां से अटलांटिक ले जा सकेंगे।
वाडहम्स ने अंदेशा जताया कि 2020 तक बर्फ की परत सरकती हुई ग्रीनलैंड के उत्तर स्थित इलाके और एलेसमेयर आईलैंड तक पह्रुच जाएगी और वह क्षेत्रफल मौजूदा क्षेत्रफल की आधे से भी कम होगी। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग धरती की भौतिक आकृति पर जो प्रभाव डाल रहा है उसमें सबसे बड़ा प्रभाव आर्कटिक ग्रीष्म समुद्र बर्फ में परिवर्तन है। कैंब्रिज अनुसंधानकर्ताओं ने पिछले कुछ वर्ष के बर्फ की मोटाई की पैमाइश की और पाया कि परत पतली होती जा रही है।