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राष्ट्रपति के बेटे ने कहा, काश वह प्रचार कर पातीं

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के बेटे राजेंद्र शेखावत को 13 अक्तूबर को अमरावती विधानसभा क्षेत्र में होने वाले मतदान में अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ सकता है क्योंकि कांग्रेस के बागी सुनील देशमुख अपनी इस...

राष्ट्रपति के बेटे ने कहा, काश वह प्रचार कर पातीं
एजेंसीTue, 06 Oct 2009 10:03 PM
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राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के बेटे राजेंद्र शेखावत को 13 अक्तूबर को अमरावती विधानसभा क्षेत्र में होने वाले मतदान में अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ सकता है क्योंकि कांग्रेस के बागी सुनील देशमुख अपनी इस सीट पर कब्जा बरकरार रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, जिस पर वे दो बार चुने जा चुके हैं। देशमुख के स्थान पर इस सीट से शेखावत को टिकट दी गयी, जिससे कई लोगों की भौहें चढ़ गयीं। यहां तक कि अमरावती नगर निगम के कांग्रेस नेताओं के एक तबके ने भी उनकी मुखालफत की।
   
शेखावत ने कहा कि मेरी मां राजनीति में चार दशक से अधिक समय रहते हुए विधायक, सांसद सहित कई पदों पर रहीं और देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद पर आसीन हुईं। मेरी उम्मीदवारी के प्रचार में वह अच्छा सूत्र हो सकती थीं लेकिन दुर्भाग्यवश यह संभव नहीं है। चुनावी दंगल में कूदने के बाद रावसाहब नाम से लोकप्रिय शेखावत अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण अपनी मां से मिल तक नहीं सके हैं।
   
उन्होंने कहा कि मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात के साथ सुबह साढ़े सात बजे दिन की शुरूआत करता हूं। लोगों से मिलने निकलता हूं और पहले दौरे के बाद अपराहन ही घर लौटता हूं। शेखावत ने कहा कि मैं राष्ट्रपति का एक मात्र बेटा होकर भी किसी लाभ की स्थिति में नहीं हूं।

शेखावत ने कहा कि शहर के मेयर अशोक डोंगरे सहित पार्टी के 21 पार्षदों में से 12 बड़नेरा इलाके के हैं और उनकी अमरावती शहर में कोई भूमिका नहीं है, वहीं सात-आठ पार्षदों ने पार्टी के साथ लौटने की इच्छा जता दी है।

विधानसभा क्षेत्र अमरावती में मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण, केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार आदि वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही रैलियों को संबोधित किया है।
   
पार्टी के रोड शो के दौरान अभिनेता सुनील शेट्टी और क्रिकेटर से राजनेता बने मोहम्मद अजहरुददीन ने शिरकत की थी। सुनील देशमुख पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि उन्होंने राज्य के मंत्री के तौर पर अपना इस्तीफा नहीं दिया है और उनके सहित अन्य बागी नेताओं के खिलाफ पार्टी ने अभी तक कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की है।

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