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सदन में भी भाजपा के सिरदर्द बन सकते हैं जसवंत

जसवंत सिंह को लोक लेखा समिति के अध्यक्ष पद से हटाए जाने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के लगभग इनकार के बाद दाजिर्लिंग का प्रतिनिधित्व करने वाला यह सांसद भाजपा के लिए परेशानी खड़ी कर सकता...

सदन में भी भाजपा के सिरदर्द बन सकते हैं जसवंत
एजेंसीSun, 27 Sep 2009 05:07 PM
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जसवंत सिंह को लोक लेखा समिति के अध्यक्ष पद से हटाए जाने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के लगभग इनकार के बाद दाजिर्लिंग का प्रतिनिधित्व करने वाला यह सांसद भाजपा के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।

मीरा कुमार ने भाजपा से निष्कासित इस नेता के बैठने की व्यवस्था को लेकर कोई फैसला नहीं किया है, जो मुख्य विपक्ष में सबसे आगे बैठते हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता होने के नाते जसवंत को सबसे आगे की सीट पर भाजपा के कद्दावर नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह और मुरली मनोहर जोशी के साथ बैठने की जगह मिली हुई है।

लोकसभा सूत्रों ने कहा कि अभी कुछ नहीं हुआ है। लेकिन अध्यक्ष को इसके बारे में सोचना चाहिए। आवंटन अध्यक्ष ही करती हैं।  सूत्रों ने कहा कि कोई जरूरी नहीं कि जसवंत सिंह के लिए नई सीट पीछे की बेंचों पर हो। इक्हत्तर वर्षीय जसवंत भाजपा के टिकट पर पश्चिम बंगाल की दाजिर्लिंग लोकसभा सीट से विजयी हुए थे। लोकसभा चुनावों के बाद पार्टी से टकराव के रास्ते पर चले जसवंत के पुत्र मानवेन्द्र सिंह भी भाजपा का दामन छोड़ गये हैं।


लोकसभा सूत्रों ने कहा कि सिंह संसदीय इतिहास में अपने आप में एक अनूठा मामला होंगे, क्योंकि वह ऐसे पहले नेता हैं, जिन्हें हटाने की मांग उसी पार्टी ने की है, जिसने उन्हें पीएसी अध्यक्ष पद के लिए नामित किया था। ऐसी स्थिति पहली बार आई है कि संसद की किसी समिति के अध्यक्ष को उसकी पार्टी ने इस पद के लिए मनोनीत करने के बाद ही उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया और अध्यक्ष पद छोड़ने को कहा।

मीरा कुमार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह जसवंत को हटाने की भाजपा की मांग के परिप्रेक्ष्य में नियमों के अनुरूप चलेंगी। जसवंत ने पीएसी अध्यक्ष पद छोड़ने की भाजपा की मांग ठुकरा दी है । मीरा कुमार ने कहा कि संबद्ध नियम कहते हैं कि अध्यक्ष को तभी हटाया जा सकता है, जब किसी वजह से वह अपना कामकाज करने की स्थिति में न हो।

उन्होंने कहा कि मैं वही करूंगी, जिसकी नियम और दिशानिर्देश इजाजत देते हों। हम उन्हें जबरन नहीं निकाल सकते। कानून नाम की कोई चीज होती है और हमें उसका पालन करना होगा। भाजपा कहती आई है कि पीएसी के अध्यक्ष का पद परंपरा के अनुरूप संसद में मुख्य विपक्षी दल को जाता है । जसवंत का कहना है कि वह तभी इस्तीफा देंगे, जब उन्हें नियुक्त करने वाली लोकसभा अध्यक्ष ऐसा करने को कहेंगी। सूत्रों ने कहा कि परंपरा और नियम दो अलग-अलग बातें होती हैं। जसवंत को भाजपा ने जिन्ना पर उनकी विवादास्पद किताब के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

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