31 दिसंबर तक हकीकत बन जाएगी मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी
दूरसंचार नियामक (ट्राई) ने कहा है कि महानगरों तथा ए श्रेणी के सेवा क्षेत्रों में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) 31 दिसंबर तक लागू हो जाएगी। ट्राई के अनुसार, देश के शेष हिस्सों में यह सेवा 20...
दूरसंचार नियामक (ट्राई) ने कहा है कि महानगरों तथा ए श्रेणी के सेवा क्षेत्रों में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) 31 दिसंबर तक लागू हो जाएगी। ट्राई के अनुसार, देश के शेष हिस्सों में यह सेवा 20 मार्च, 2010 तक लागू हो जाएगी। एमएनपी के तहत ग्राहक को बिना अपना नंबर बदले आपरेटर बदलने की सुविधा मिलेगी।
सरकार ने इससे पहले इसी माह कहा था कि एमएनपी को लागू करने में तीन माह का विलंब होगा, क्योंकि अभी इसके नियमन तय नहीं हुए हैं। दूरसंचार मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी नियमन, 2009 को जारी करते हुए ट्राई ने कहा कि एमएनपी सुविधा सिर्फ लाइसेंस वाले सेवा क्षेत्र में उपलब्ध होगी।
कोई भी ग्राहक अपने मोबाइल कनेक्शन के एक्टिवेट होने के 90 दिन के बाद ही नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन कर सकता है। यदि किसी ग्राहक ने एक बार इस सेवा का लाभ लिया है, तो वह दूसरी बार इसके 90 दिन के बाद ही पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन कर सकता है।
ट्राई ने फिलहाल ग्राहकों के लिए इस सेवा की दरें तय नहीं की हैं। कोई भी मोबाइल ग्राहक यदि अपने मोबाइल नंबर को पोर्ट करना चाहता है, तो वह उस आपरेटर से संपर्क करेगा, जिसकी सेवा वह लेना चाहता है। संभवत: ग्राहक को इसके लिए कुछ पोर्टिंग शुल्क देना पड़ेगा। इसके साथ ही ग्राहक को अपने पुराने सभी बिलों का भुगतान करना होगा, तभी वह एमएनपी के लिए आवेदन कर सकेगा।
ग्राहक को पोर्टिंग के लिए आग्रह करने की तारीख तक यह अंडरटेकिंग देनी होगी कि उसने अपने सभी बिलों का भुगतान कर दिया है। एमएनपी के लिए आवेदन करने के 24 घंटे के भीतर ग्राहक इस आग्रह को वापस ले सकता है। लेकिन उसे पोर्टिंग शुल्क लौटाया नहीं जाएगा।
इस सुविधा के तहत ग्राहक नए आपरेटर की सेवाएं ले सकेगा, लेकिन उसका नंबर नहीं बदलेगा। माना जा रहा है कि एमएनपी के लागू होने के बाद मोबाइल आपरेटरों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उन पर सेवाओं का स्तर सुधारने का दबाव रहेगा।