कीमतों का मायाजाल
उनकी ही भाषा में समझाओ देर से ही सही, लेकिन यह बात अब साफ हो गई है कि पाकिस्तानी हुक्मरान अमन और भाईचार की भाषा नहीं समझते, और न उन्हें यह भाषा रास आती है। गौरतलब यह है कि हमार कर्णधारों को उन्हीं...
उनकी ही भाषा में समझाओ देर से ही सही, लेकिन यह बात अब साफ हो गई है कि पाकिस्तानी हुक्मरान अमन और भाईचार की भाषा नहीं समझते, और न उन्हें यह भाषा रास आती है। गौरतलब यह है कि हमार कर्णधारों को उन्हीं की भाषा में उन्हें समझाने से गुरा क्यों है? विजय लोढ़ा, रायपुर, छत्तीसगढ़ जाके पैर न फटी बिवाई .. ‘कुत्ता मार अभियान पर भड़कीं मेनका’ शीर्षक से प्रकाशित खबर हिन्दुस्तान (10 मार्च) में पढ़ी। वाह मेनका जी वाह! क्या खूब उमड़ा है आपमें पशु प्रेम। जिन खूंखार आदमखोर कुत्तों ने तीन-तीन बच्चों को जिंदा नोच नोच कर खा डला- जरा सोविए उन बच्चों की जिनकी जान पर बनी। किस अकल्पनीय मर्मान्तक पीड़ा को सहा होगा उन्होंने अपनी बोटी-बोटी कुत्तों से नुचवाते हुए। क्या गुजर रही होगी उनके परिानों पर। उनके बार में तो आपके मुंह से एक शब्द भी नहीं फूटा, उल्टा उनके मार जाने पर आप भड़क रही हैं। मैं हिंसा का पक्षधर नहीं हूं, किन्तु जब लोगों की जान ही असुरक्षित हो जाए हिंसा न तो पाप है और न निंदनीय ही। इन्द्रसिंह धिगान, किंगवे कैम्प, दिल्ली राह से भटकी भाजपा! सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी भाजपा केन्द्र में सत्ता बनाने के लिए चुनाव मैदान में उतरी है और अपने सहयोगी दलों के दबाव में राममंदिर, धारा 370 आदि मुद्दों को छोड़ दिया है। अपने स्टैण्ड पर कायम न रहना उसकी एक बड़ी कमजोरी रही है। इससे इसके समर्थक मतदाताओं का इससे मोहभंग होता जा रहा है। भाजपा का मुद्दों को छोड़ना व संगठन में अंतर्कलह के चलते केन्द्र की सत्ता पर पहुंचने की राह आसान नहीं है। बाकी जनता जनार्दन की चाह क्या है, वह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। दिनेश गुप्त, पिलखुवा, उ.प्र. गद्दी की होड़ सत्ता के दरबार में, पग-पग पर गठाोडड़्ढr दिल्ली की गद्दी मिले, लगी हुई है होड़।ड्ढr लगी हुई है होड़, भाई से बहना रूठीड्ढr नीति नियम टूट गए, अस्पृश्यता छूटी। माधवी, नई दिल्ली