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काम पर लौटे आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के 20 हजार कामगार

मंदी की मार से मात्र छह माह में लगभग एक हजार करोड़ रूपए का नुकसान उठाने वाले देश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र आदित्यपुर में लगातार बढ़ती मांग से अब एक बार फिर रौनक लौटने लगी है जिससे यहां के करीब 35000...

काम पर लौटे आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के 20 हजार कामगार
एजेंसीTue, 22 Sep 2009 12:40 PM
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मंदी की मार से मात्र छह माह में लगभग एक हजार करोड़ रूपए का नुकसान उठाने वाले देश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र आदित्यपुर में लगातार बढ़ती मांग से अब एक बार फिर रौनक लौटने लगी है जिससे यहां के करीब 35000 छंटनीग्रस्त कामगारों में से 20000 काम पर वापस लौट चुके हैं।

टाटा समूह का गढ़ कहे जाने वाले देश के एक अन्य प्रमुख औद्योगिक नगर जमशेदपुर से सटे झारखंड के सरायकेलाखरसांवा जिले में स्थित आदित्यपुर में लगभग 850 छोटे मझोले और कुछ बड़े उद्योग हैं जिनमें मंदी से पहले तक करीब 70000 हजार स्थाई और अस्थाई कामगार कार्यरत थे। इन उद्योगों के संगठन आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एसिया के अध्यक्ष एस. एन. ठाकुर तथा महासचिव संतोष खेतान ने बताया कि सितंबर 2008 से लेकर इस वर्ष मार्च तक मंदी का काफी असर रहा जिससे 35 हजार कामगारों की छंटनी करनी पड़ी थी। इनमें से अधिकतर दैनिक वेतनभोगी अथवा मासिक पगार पाने वाले अस्थाई कामगार थे।

खेतान ने बताया कि अप्रैल से मांग की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है और अब तक छंटनीग्रस्त 20000 कामगार वापस लौट चुके हैं। मांग बढ़ने की रफ्तार ऐसी ही रही तो अगले दो माह में शेष कामगारों को भी वापस बुला लिया जाएगा। मंदी के चरम के दौरान काम के शिफ्ट की संख्या तीन से घटा कर एक कर दी गई थी जो अब दो हो गई है तथा जल्द ही वापस तीन पर पहुंच जाने की संभावना है।

ठाकुर ने बताया कि अधिकतर उद्योग ऑटो क्षेत्र की सहायक इकाइयां हैं जिनमें से ज्यादातर देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स पर निर्भर हैं। पिछले साल रिकार्ड पांच अस्थाई बंदी झेलने वाले टाटा मोटर्स से (आर्डर) की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और यह आदित्यपुर में लौट रही रौनक का एक बड़ा कारण है।

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