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हमारी नहीं, मंहगाई की चिंता करें पीएमः बीजेपी

भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उसकी स्थिति पर चिंता जताने के बजाय देश में महंगाई तथा सूखे की चिंता करनी चाहिए और लोगों को राहत पहुंचानी चाहिए। भाजपा प्रवक्ता...

हमारी नहीं, मंहगाई की चिंता करें पीएमः बीजेपी
एजेंसीSun, 30 Aug 2009 10:08 PM
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भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उसकी स्थिति पर चिंता जताने के बजाय देश में महंगाई तथा सूखे की चिंता करनी चाहिए और लोगों को राहत पहुंचानी चाहिए।

भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री को भाजपा की चिंता करने की जरूरत नहीं है। पार्टी के नेता स्थिति संभालने और पार्टी को मजबूत बनाने में सक्षम हैं। प्रधानमंत्री को यह चिंता करने के बजाय भारी महंगाई और सूखे से त्रस्त जनता को राहत देने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी रविवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे जलवायु परितर्वन तथा सूखे के प्रभाव से निपटने के लिए जरुरी कदम उठाने का अनुरोध किया है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिहं ने भाजपा में चल रही खींचतान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा था कि उस पार्टी के भीतर जो कुछ हो रहा है वह अच्छा नहीं है। हालांकि यह भाजपा का अंदरूनी मामला है लेकिन लोकतंत्र में राजनीतिक पार्टियों में स्थिरता होना जरुरी है। ऐसा नहीं होने पर देश पर असर पड़ता है।

प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री को लोगों रोजगार, अनाज, पानी तथा पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराने की चिंता करनी चाहिए। राज्यों ने सूखे से निपटने के लिए जो मदद मांगी है वह उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

भाजपा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कमजोर मानसून के कारण खाद्यान्न की कीमतों में हो रही भारी वृद्धि की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि इससे गरीबों और समाज के कमजोर वर्गो के लिए भूख का संकट गहरा गया है। उन्होंने सरकार से उन्हें तत्काल नाम मात्र के मूल्य पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने की मांग की है।

जलवायु परिवर्तन से पैदा होने वाली समस्याओं की चर्चा करते हुए पत्र में कहा गया है कि इससे देश में खाद्य सुरक्षा और कृषि सम्पन्नता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। सिंह ने इससे निपटने के लिए सरकार, नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, किसानों तथा आम जनता को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

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