चंद्रमा तक पहुंचने का भी बजट नहीं नासा के पास
नासा अपने नये आर्स मून रॉकेट के पहले चरण का परीक्षण गुरुवार को करेगा। नासा के चंद्रमा तक जाने के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के लिए इसे मील का पत्थर माना जा रहा है जिस पर पहले ही सात अरब डालर का खर्चा हो...
नासा अपने नये आर्स मून रॉकेट के पहले चरण का परीक्षण गुरुवार को करेगा। नासा के चंद्रमा तक जाने के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के लिए इसे मील का पत्थर माना जा रहा है जिस पर पहले ही सात अरब डालर का खर्चा हो चुका है। यह ऐसा राकेट है जिसे अंतरिक्ष यात्री हो सकता है कभी इस्तेमाल न करें।
पहले चरण के परीक्षण के बाद रॉकेट को क्षैतिज अवस्था में लगाया जाएगा। इसका इंजन काम करेगा और काफी आवाज भी करेगा। लेकिन डिजाइन के मुताबिक यह जमीन से उड़ान नहीं भरेगा।
चंद्रमा, मंगल या पृथ्वी की कक्षा से परे जाने की नासा की योजना के लिए भी यही कहा जा सकता है। यह इंजीनियरों के लिए कोई बहुत बड़ी चुनौती नहीं है लेकिन इसके बजट संबंधी आर्थिक चुनौती है।
वर्ष 2020 तक चंद्रमा पर लौटने के 108 अरब अमेरिकी डॉलर का कार्यक्रम तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने पांच साल पहले शुरू किया था। लेकिन राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा बनाये गये एक विशेष स्वतंत्र पैनल ने कहा कि यह योजना वर्तमान बजट पर पूरी नहीं की जा सकती क्योंकि इसमें कम से कम 30 अरब अमेरिकी डॉलर की और जरूरत होगी।