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कूड़े से भविष्य सँवारने का जज्बा

आईआईएम लखनऊ से नेतृत्व की बारीकियाँ सीखने वाले जिन सात छात्रों ने जॉब ऑफर ठुकरा कर अपने बूते कुछ करने की ठानी हैं वह मंदी से मायूस नहीं बल्कि इसे अपने लिए अवसर मान रहे हैं। इनमें से दो ने वेस्ट...

 कूड़े से भविष्य सँवारने का जज्बा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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आईआईएम लखनऊ से नेतृत्व की बारीकियाँ सीखने वाले जिन सात छात्रों ने जॉब ऑफर ठुकरा कर अपने बूते कुछ करने की ठानी हैं वह मंदी से मायूस नहीं बल्कि इसे अपने लिए अवसर मान रहे हैं। इनमें से दो ने वेस्ट मैनेजमेंट (अपशिष्ट प्रबंधन) और रेडीमेड गारमेंट (तैयार कपड़े) के क्षेत्र में अपना कारोबार शुरू करने की ठानी है। पिछले साल सिर्फ चार छात्रों ने ही अपना उद्यम शुरू करने का हौसला दिखाया था।ड्ढr खास यह है कि इकोनॉमी बूम टाइम में यह दोनो ही सेक्टर उपेक्षित थे लेकिन इन छात्रों का मानना है कि आने वाले दिनों में इसका न केवल बाजार अच्छा होगा बल्कि अभी इसमें नया कारोबार शुरू करने में संसाधन भी सस्ते मिलेंगे। इससे ‘भावी प्रबंधन गुरु’ मंदी से उबरने के लिए जिन नए क्षेत्रों की ओर झाँक रहें उसकी झलक भी मिलती है।ड्ढr इकोनॉमी जब शबाब पर थी तो बाजार में लगरी उत्पादों का बड़ा उपभोक्ता वर्ग तैयार हो गया था। लेकिन मंदी में जब लोगों की परचेजिंग पावर कम हुई है तो नए उद्यमी उन क्षेत्रों और उत्पादों की ओर देख रहे हैं जो रोमर्रा की जरूरत से जुड़े हैं। आईआईएम-एल पासआउट विवेक डोरिलिया ने वेस्ट मैनेजमेण्ट का क्षेत्र इसलिए चुना कि आने वाले दिनों में इसमें अपार संभावनाएँ हैं। वह कहते हैं, बड़े व छोटे शहरों में कचरे का निस्तारण बड़ी समस्या के रूप में उभर रहा है। अगर हम कचरे से बनने वाली रोमर्रा के काम की चीजें बना दें तो कचरा निस्तारण के साथ ही लोगों को रोगार के नए अवसर भी मिलेंगे। विवेक कहते हैं कि इस क्षेत्र में मौजूदा दौर में बहुत कम लागत में अपना बिजनेस शुरू किया जा सकता है। इसे लगन और विजन से चलाया जाए तो सफलता मिलना तय है। विवेक कहते हैं कि आईआईएम में उन्हें जो गुरुमंत्र मिला है वह कठिन समय में कुछ नया करने का जज्बा देता है।ड्ढr वहीं आईआईएम लखनऊ के ही छात्र अश्विनी अग्रवाल ने कपड़ा उद्योग में कदम रखने की ठानी है। वह रेडीमेड गारमेण्ट का बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं। अश्विनी के मुताबिक रेडीमेड गारमेण्ट का बिजनेस इस समय भारत में तेजी से पाँव पसार रहा है। छोटे कस्बे व शहरों में भी युवाओं में फैशन की धूम मची है। लोग रेडीमेड कपड़े खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। निम्न मध्यमवर्ग के लोगों का रेडीमेड गारमेण्ट की ओर अच्छा रुझान हैं। आईआईएम लखनऊ के बाकी पाँच छात्र जिन्होंने अपना कारोबार शुरू करने की ठानी है। वह शीघ्र ही अपने क्षेत्र का निर्धारण कर कंपनी खोलने की घोषणा करेंगे। आईआईएम लखनऊ की मीडिया रिलेशन कमेटी के प्रवक्ता पंका भट्ट ने बताया कि जल्द ही यह छात्र अपने बिजनेस के बारे में बताएँगे।

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