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ई तऽ बहुत नीमन पहल हे भाई..

एकल महिलाओं ने पुनर्विवाह का फैसला क्या किया, रूढ़ियों को तोड़ने के उनके इस ऐलान का खैरमकदम होने लगा। ‘हिन्दुस्तान’ द्वारा गत दो दिनों से विधवाओं के प्रति सामाजिक नजरिए में बदलाव की पहल शुरू करने के...

 ई तऽ बहुत नीमन पहल हे भाई..
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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एकल महिलाओं ने पुनर्विवाह का फैसला क्या किया, रूढ़ियों को तोड़ने के उनके इस ऐलान का खैरमकदम होने लगा। ‘हिन्दुस्तान’ द्वारा गत दो दिनों से विधवाओं के प्रति सामाजिक नजरिए में बदलाव की पहल शुरू करने के बाद रविवार को आश्चर्यजनक रिस्पांस आए। कई विधुर इनका हाथ थामने को तैयार हैं। एक स्वयंसेवी संगठन दोनों पक्षों की रजामंदी के बाद शादी का पूरा खर्च उठाने को तैयार है। कायस्थ क्रांतिकारी विचार मंच की पहल पर यदि कोई बेरोजगार युवक विधवा महिला से शादी करगा, तो उसे नौकरी दी जाएगी।ड्ढr ड्ढr विधवाओं, परित्यक्ताओं व तलाकशुदा महिलाओं द्वारा सामाजिक बदलाव को लेकर छेड़े गये अभियान के बाबत आम नागरिकों ने अपनी राय में कहा कि ‘इ तऽ बहुत नीमन बात हे भाई। सबके सम्मान से जीवन जीये के अधिकार हे। समाज केकरो परशानी न दूर कर सके तऽ ओकर होबे के का मतलब?बहरहाल रविवार को पांच विधुरों ने विधवा महिलाओं से शादी करने की अपनी इच्छा जतायी। ये सभी सामाजिक रूप से प्रतिष्ठित व आर्थिक रूप से सक्षम लोग हैं। पर, अधेड़ होने के अकेलेपन को दूर करने के लिए इन्हें जीवन साथी की जरूरत है। हाउसिंग कालोनी निवासी तरुण कुमार श्रीवास्तव, बिजलीकर्मी सुरन्द्र कुमार सिंह, ट्रांसपोर्टर आर एस पराशर इनमें शामिल हैं। पराशर जी ने कहा कि उम्र के चौथेपन में बिना हमसफर के एक-एक पल गुजारना मुश्किल है। वैसे भी पुरुष बचपन में मां की गोद, बाद में बहन और फिर पत्नी के स्नेह की छांव में जीता है। बिना औरत के तो जीवन की कल्पना ही मुश्किल है।ड्ढr ड्ढr उधर सुरन्द्र ऐसे विधुर हैं जिनके सामने 2 व 3 साल के बेटे की परवरिश वह भी बिना पत्नी के कठिन है। फुलवारीशरीफ निवासी व एक दस वर्षीय बेटे की मां तथा एक दूसरी प्रौढ़ एकल महिला ने भी कहा कि उन्हें साथी की तलाश है। इधर पुनर्विवाह व विधवा विवाह की पहल मात्र से उत्साहित बोरिंग रोड स्थित एक संगठन के सचिव ने कहा कि यदि विधवा विवाह हो, तो वे शादी समारोह का पूरा खर्च उठाएंगे। कायस्थ क्रांतिकारी विचार मंच ने भी एक बैठक कर यह तय किया कि अपने खर्च पर पुनर्विवाह कराया जाएगा। महासचिव बीनू चैनपुरी ने बताया कि विधवा के साथ विवाह करने को तैयार बेरोजगार युवक को योग्यता के मुताबिक एसआईएस में नौकरी मिलेगी।

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