अब तालिबान पर भी होंगे ड्रोन हमले: यूएस
अमेरिका ने आतंकवाद विरोधी अभियान की प्राथमिकताओं को एक बार फिर बदलते हुए एक बड़े रणनीतिक परिवर्तन के तहत अफगान-पाक सीमा पर आतंकवादी संगठन अलकायदा सदस्यों को निशाना बनाने के बजाय तालिबान के...
अमेरिका ने आतंकवाद विरोधी अभियान की प्राथमिकताओं को एक बार फिर बदलते हुए एक बड़े रणनीतिक परिवर्तन के तहत अफगान-पाक सीमा पर आतंकवादी संगठन अलकायदा सदस्यों को निशाना बनाने के बजाय तालिबान के खिलाफ ड्रोन विमान हमले बढ़ाने का फैसला किया है। इससे पहले अमेरिकी सेना ड्रोन विमानों से अलकायदा सदस्यों पर हमले किया करती थी।
अमेरिकी समाचार पत्र लॉस एंजेलिस टाइम्स ने सरकारी और रक्षा मंत्रालय के अधिकरियों के हवाले से बताया कि सेना का अब मानना है कि अलकायदा सदस्यों को निशाना बनाने के बजाय अफगानिस्तान और उसके पड़ोसी पाकिस्तान में स्थिरता के लक्ष्य को सुनिश्चित करना ज्यादा जरूरी है।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जारी हिंसा और अव्यवस्था को रोकना ज्यादा महत्वपूर्ण है अन्यथा अलकायदा ऐसी स्थिति का लाभ उठा सकता है। हालांकि उन्होंने माना कि अलकायदा के नेटवर्क को पराजित करना अभी भी अमेरिका का प्रमुख लक्ष्य है। एक अधिकारी ने कहा कि हमारा मुख्य ध्यान अभी भी अलकायदा पर है। हमें अपनी प्राथमिकताओं का फिर से अनुमान लगाना होगा। ड्रोन विमानों हमले की प्राथमिकता अलकायदा से हटाकर तालिबान के पीछे लगाने का फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के उस घोषणा के बावजूद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अफगान युद्ध में उनकी रणनीति का मुख्य लक्ष्य अलकायदा का पूरी तरह से सफाया करना है।
समाचार पत्र के मुताबिक अलकायदा आतंकवादियों के पीछे लगाए गए आठ ड्रोन विमानों को तालिबान लड़ाकुओं को निशाना बनाने के लिए स्थानांतरित कर दिया गया हैै। इसके अलावा अमेरिकी सेना के मध्य कमान की योजना है कि 12 और ड्रोन विमानों को अफगानिस्तान के मोर्चे पर भेजा जाए। ड्रोन विमानों की अत्यधिक मांग को देखते हुए अमेरिकी सेना के समक्ष इन्हें कहां तैनात किया जाए इसका संकट उत्पन्न हो गया है।