फोटो गैलरी

Hindi Newsजमरुदपुर मेट्रो हादसे का कारण घटिया सामग्री: श्रीधरन

जमरुदपुर मेट्रो हादसे का कारण घटिया सामग्री: श्रीधरन

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के दक्षिण दिल्ली के जमरुदपुर निर्माण स्थल पर 12 जुलाई को हुआ हादसा मुख्य रुप से खराब डिजाइन और घटिया निर्माण सामग्री की वजह से हुआ था। मेट्रो ने इस हादसे पर गठित...

जमरुदपुर मेट्रो हादसे का कारण घटिया सामग्री: श्रीधरन
एजेंसीTue, 28 Jul 2009 10:11 PM
ऐप पर पढ़ें

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के दक्षिण दिल्ली के जमरुदपुर निर्माण स्थल पर 12 जुलाई को हुआ हादसा मुख्य रुप से खराब डिजाइन और घटिया निर्माण सामग्री की वजह से हुआ था। मेट्रो ने इस हादसे पर गठित समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद निर्माण कंपनी गैमन इंडिया को दो साल के लिए काली सूची में डालने का नोटिस जारी करने के फैसले के साथ ही डिजाइन के दो उप मुख्य अभियंताओं को निलंबित कर दिया है।

मेट्रो के प्रबंध निदेशक ई श्रीधरन ने इस हादसे के लिए गठित चार सदस्यीय समिति की रिपोर्ट की जानकारी मंगलवार को पत्रकारों को देते हुए बताया कि डिजाइन परामर्शदाता मैसर्स आर्क कंसलटेंसी को पांच साल के लिए काली सूची में डाल दिया गया है।

समिति में शामिल मेट्रो के मुख्य अभियंता(डिजाइन) राजन कटारिया पर बड़ा दंड लगाया गया है। डा. श्रीधरन ने कहा कि मेट्रो परियोजना का काम जिस स्थिति में है उसे पूरा करने के लिए गैमन इंडिया को अपना काम पूरा करने के लिए रखना जरुरी है क्योंकि नया ठेकेदार लाए जाने पर निर्माण कार्य को खत्म करने में आठ माह की देरी हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि समिति ने हादसे की रिपोर्ट 23 जुलाई को सौंपी जिसे पूरी तरह से स्वीकार कर लिया गया है। रिपोर्ट में हादसे के दो मुख्य कारण डिजाइन की खराबी और निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल बताया गया है। उन्होंने कहा कि पिलर के लिए जो डिजाइन बनाया गया था उस पर पूरी निगाह नहीं रखी गई और इसके निर्माण के लिए जो कंक्रीट लगाई गई उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं थी।

निलंबित उप मुख्य अभियंताओं के नाम वीपी श्रीवास्तव और मुकेश ठाकुर हैं। इससे पहले हादसे के बाद निदेशक परियोजना विजय आनंद को पहले ही उनके मुख्य विभाग रेलवे वापस भेज दिया गया। परियोजना के लिए विदेशी सलाहकार सी मालोंगा को जो गुणवत्ता कार्य के लिए सीधे जिम्मेदार थे हटाया जा रहा है। हालांकि विदेशी सलाहकार कंपनी जनरल कंसलटेंट्स मेट्रो परियोजना की सुरक्षा और निर्माण कार्य की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए अपना काम और मजबूत कर रही है।

डा. श्रीधरन ने कहा कि भविष्य में किसी भी चूक से बचने के लिए मेट्रो डिजाइन कार्यों का निरीक्षण अब स्वतंत्र निकाय से भी कराएगी। पहले डिजाइन का निरीक्षण मेट्रो के स्तर पर ही होता है। उनहोंने बताया कि मैसर्स शिशिर पटेल एंड एसोसिएट्स कंसलटेंसी को सभी मेट्रो परियोजनाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता कार्यों का काम देखने का जिम्मा दिया गया है।

उन्होंने कहा कि मेट्रो अपने सभी कर्मचारियों को 15 दिन के भीतर सुरक्षा कानूनों और नियमों के बारे में तीन दिन का क्रेश कोर्स कराएगी।  डा. श्रीधरन ने बताया कि चरण दो में 87 केंटीलीवर पियर्स हैं। इसके अलावा एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन में 38 केंटीलीवर पियर्स हैं। इन सभी पियसरें का लगातार निरीक्षण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 18 पियर्स में दरारें पाई गई हैं जिस पर निगाह रखी जा रही हैं। मैसर्स शिरीश पटेल एंड एसोसिएट्स इन पियसरें को देखगी और इन्हें मजबूत बनाने के लिए सुझाव देगी।

 

 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें