मेघालय:राष्ट्रपति शासन परकेंद्र को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की केंद्र की सिफारिश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर बुधवार को केंद्र सरकार और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश केजी...
सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की केंद्र की सिफारिश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर बुधवार को केंद्र सरकार और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महासचिव पीए संगमा की आेर से दायर याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए इसकी अगली सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तारीख तय की। खंडपीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति जेएम पांचाल तथा न्यायमूर्ति एके गांगुली शामिल हैं। संगमा ने संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत मेघालय में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिशों को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता के वकील ने खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि मुख्यमंत्री दोनकुपर रॉय के नेतृत्व वाले मेघालय प्रगतिशील गठबंधन (एमपीए) द्वारा 17 मार्च को विश्वास मत हासिल कर लेने के बावजूद राय के रायपाल आरएस मूशाहारी ने राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए राष्ट्रपति को पत्र भेजा। याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में कहा कि विश्वासमत हासिल करने के बावजूद राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश करना संविधान के अनुच्छेद 356 का घोर उल्लंघन है। इसके बाद न्यायालय ने केंद्र सरकार और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया।