दिल्ली मेट्रो को अधिग्रहण पर कैग की फटकार
प्रथम चरण की परियोजना के क्रियान्वयन के लिए जरूरत से अधिक भूमि का अधिग्रहण करने पर भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने दिल्ली मेट्रो को फटकार लगाई है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम के प्रथम चरण पर...
प्रथम चरण की परियोजना के क्रियान्वयन के लिए जरूरत से अधिक भूमि का अधिग्रहण करने पर भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने दिल्ली मेट्रो को फटकार लगाई है।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम के प्रथम चरण पर अपनी रिपोर्ट में कैग ने कहा है कि नौ स्थानों पर कुल 6.42 लाख वर्ग मीटर भूमि का अधिग्रहण किया गया, जो परियोजना की जरूरत के मुताबिक 14 से 354 फीसदी अधिक है।
इसमें कहा गया है कि डीएमआरसी ने परियोजना के प्रथम चरण के लिए 32.28 लाख वर्ग मीटर भूमि का अधिग्रहण किया, जिसके तहत तीन लाइनें बनायी जानी थी। लेकिन परियोजना और संपत्ति के विकास के लिए स्थान वार भूमि के उपयोग के संबंध में आंकड़े का संग्रह नहीं किया गया ।
रिपोर्ट के अनुसार, डीएमआरसी ने संपत्ति विकास के लिए चार स्थानों पर केवल एक योग्य बोली के आधार पर भूमि के पट्टे या रियायत का निर्धारण किया और जो भुगतान हुआ, वह आरक्षित मूल्य से केवल शून्य से तीन फीसदी ही अधिक था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सीलमपुर की सच्चाई से साबित है कि टर्न ओवर और मानक मूल्य क्रमशः 60 करोड़ रुपये तथा 25 करोड़ रुपये तय किया गया था, केवल एक योग्य बोली लगी और जो राशि प्राप्त हुई उसमें भुगतान सुरक्षित मूल्य तीन फीसदी से अधिक था ।
बहरहाल डीएमआरसी ने कहा है कि आयुक्तों की समिति एलडी, डीडीए और कंपनी के मुख्य शहरी प्लानर ने कहा था कि जो भी राजस्व प्राप्त किये गये, वे बाजार मूल्य के रूझान को ध्यान में रखकर अर्जित किये गये।