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बीएसएफ जल्द सौंपेगा महिलाओं को जिम्मेदारी

सीमा सुरक्षा बल इतिहास रचते हुए करीब एक हजार महिलाओं को पहली बार इस महीने के अंत तक सीधे अभियानों में जिम्मेदारियां सौंपेगा। वे 29 जुलाई को पासिंग आउट परेड में भाग लेंगी। इसमें गृहमंत्री पी चिदंबरम...

बीएसएफ जल्द सौंपेगा महिलाओं को जिम्मेदारी
एजेंसीSun, 12 Jul 2009 02:05 PM
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सीमा सुरक्षा बल इतिहास रचते हुए करीब एक हजार महिलाओं को पहली बार इस महीने के अंत तक सीधे अभियानों में जिम्मेदारियां सौंपेगा। वे 29 जुलाई को पासिंग आउट परेड में भाग लेंगी। इसमें गृहमंत्री पी चिदंबरम भी शामिल होंगे।

जिन महिलाओं को पंजाब के खटका में सीमा सुरक्षा बल के केंद्र पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वे 29 जुलाई को पासिंग आउट परेड में भाग लेंगी। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम भी शामिल होंगे।

सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक एम एल कुमावत ने प्रेस ट्रस्ट से कहा, यह हमारे लिये गर्व का दिन होगा जब महिलाएं पुएषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगी। इन महिला कर्मियों को हथियार चलाने, खुफियागिरी, सीमा प्रबंधन, खेलों, शस्त्रविहीन अभियानों तथा प्रहरी कर्तव्यों का प्रशिक्षण दिया गया है।

अपने पुरुष समकक्षों के साथ ये महिलाएं सीमा से सटी उन जांच चौकियों, आव्रजन केंद्रों तथा कारोबारी मार्गोंं पर तलाशी जिम्मेदारियां निभाएंगी, जहां की सुरक्षा इस बल के हवाले है। कुमावत ने कहा, महिलाएं बल के लिए काफी जरूरी हैं, क्योंकि हमारी जिम्मेदारियों में अन्य संबंधित कर्तव्यों के अलावा महिला यात्रियों की तलाशी का काम भी शामिल रहता है। पहली बैच को पंजाब सेक्टर में तैनात किया जायेगा।

सीमा सुरक्षा बल की नव प्रशिक्षित महिलाओं को कांस्टेबलों के पदों पर शामिल किया जाएगा। संभावना है कि बल को सहायक कमांडेंट और अन्य उच्च पदों के लिये भी महिला अधिकारी मिलेंगी। यह महिला बटालियन केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सीमा सुरक्षा बल में विस्तार योजना के लिए स्वीकृत 29 बटालियनों का हिस्सा है।

यह अद्र्धसैनिक बल इन 29 बटालियनों के लिए अगले चार वर्ष में करीब 35,000 कर्मियों की भर्ती करेगा। कुमावत ने कहा, सीमा सुरक्षा बल इस वर्ष करीब 10,000 कर्मियों की भर्ती कर रहा है और ये तैनाती के लिए मार्च 2010 तक तैयार हो जाएंगे। सीआरपीएफ, सीआईएसएफ तथा एसएसबी जैसे केंद्रीय बलों में जहां महिलाएं पहले से जमीनी जिम्मेदारियां निभा रही हैं, वहीं सीमा सुरक्षा बल के लिये यह पहला मौका है, जब वह पहली बार महिलाओं की तैनाती करेगा। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा तथा देश की पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यामांर से सटी 6,622 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा का जिम्मा बीएसएफ के पास है।

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