अभी कर लो मौज, फिर न मिले मौका
व्यस्त कार्यक्रम के कारण पस्त भारतीय क्रिकेटरों को नेक सलाह है कि उन्हें दो महीने के इस अवकाश का जमकर लुत्फ उठाना चाहिए क्योंकि आगे लंबे अर्से तक उन्हें इतनी लंबी छुट्टी नहीं मिलने वाली...
व्यस्त कार्यक्रम के कारण पस्त भारतीय क्रिकेटरों को नेक सलाह है कि उन्हें दो महीने के इस अवकाश का जमकर लुत्फ उठाना चाहिए क्योंकि आगे लंबे अर्से तक उन्हें इतनी लंबी छुट्टी नहीं मिलने वाली है।
वेस्टइंडीज दौरे से लौटी भारतीय टीम को ठीक चार साल बाद पूरे दो महीने घर में या परिजनों के साथ अपने मनपसंद स्थान पर बिताने का मौका मिला है। वे इसका सदुपयोग निजी और व्यावसायिक कार्य जैसे कि विज्ञापनों की शूटिंग आदि के लिए भी कर सकते हैं क्योंकि आगे इसके लिए उन्हें समय निकालने में मुश्किल हो सकती है।
आईसीसी के भविष्य के दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) और बीसीसीआई ने भारतीय टीम के लिए जो कार्यक्रम तैयार किया है उससे साफ है कि खिलाड़ियों को आगे चैन की सांसलेने का समय नहीं मिलेगा। बीसीसीआई को तो लगता है कि ये दो महीने भी अखर रहे हैं और इसलिए उसने बिना पूर्व कार्यक्रम के श्रीलंका और न्यूजीलैंड के साथ त्रिकोणीय सीरीज की योजना बना दी जो दक्षिण अफ्रीका में होने वाली चैंपियन्स ट्राफी से पहले श्रीलंकाई सरजमीं पर खेली जाएगी।
22 सितंबर से शुरू होने वाली चैंपियन्स ट्राफी से तो महेंद्र सिंह धोनी और उनकी टीम के लिए सिर्फ एक ही काम रहेगा और वह होगा क्रिकेट खेलना। यह टूर्नामेंट पांच अक्तूबर को समाप्त होगा जिसके बाद भारत सात वनडे मैचों के लिए आस्ट्रेलिया की मेजबानी करेगा।
आस्ट्रेलियाई टीम को विदा करने के तुरंत बाद भारत को श्रीलंकाई टीम का मेजबान बनना है जो कि तीन टेस्ट और पांच वनडे मैच खेलने के लिए भारतीय दौरे पर आएगी। कुमार संगकारा की टीम जब स्वदेश लौटेगी तो धोनी के खिलाड़ी बांग्लादेश दौरे की तैयारी में जुट जाएंगे जहां टीम को दिसंबर में दो टेस्ट मैच में खेलने हैं। इसके बाद अगले साल जनवरी में भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच त्रिकोणीय सीरीज भी होगी।
भारतीय क्रिकेटप्रेमियों को हालांकि अपने देश में छककर क्रिकेट देखने को मिलेगी, क्योंकि आस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बाद दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीम की बारी होगी जोकि फरवरी से मार्च तक तीन टेस्ट और पांच वनडे मैच खेलने के लिए भारत आएगी। अप्रैल में वेस्टइंडीज में टवेंटी 20 वर्ल्ड कप होगा इसलिए इंडियन प्रीमियर लीग के आयोजकों ने अपना टूर्नामेंट 18 मार्च से शुरू करने का फैसला किया है। मतलब फिर से इस बार की तरह भारतीय क्रिकेटर जब टी 20 वर्ल्ड कप में भाग लेंगे तो वे थक कर चूर रहेंगे और यदि पिछले महीने इंग्लैंड में जो कुछ हुआ, वही कहानी दोहरायी गई तो इसका एक कारण आईपीएल भी माना जएगा।
यदि एशिया कप नहीं टला तो भारत को वेस्टइंडीज से लौटने के बाद इस क्षेत्रीय वनडे टूर्नामेंट में भाग लेना है और एफटीपी के अनुसार उसे मई में दो टेस्ट और तीन वनडे के लिए जिम्बाब्वे का दौरा करना है। जिम्बाब्वे से लौटकर भारतीय टीम श्रीलंका जाएगी श्रीलंका जाएगी जहां उसे मेजबान और न्यूजीलैंड के साथ त्रिकोणीय सीरीज खेलनी है। आस्ट्रेलियाई टीम पिछले साल भारत में टेस्ट सीरीज खेलकर गई लेकिन उसकी टीम को 2009 ही नहीं बल्कि 2010 में भी सात वनडे मैचों की सीरीज खेलने के लिए भारतीय धरती पर कदम रखने होंगे।
आस्ट्रेलियाई टीम अभी भारत में ही होगी कि न्यूजीलैंड तीन टेस्ट और पांच वनडे मैच खेलने के लिए यहां पहुंच जाएगा।
न्यूजीलैंड को विदा करने के बाद भारत को दिसंबर में तीन टेस्ट और पांच वनडे मैच की सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका जाना है, जहां टीम जनवरी 2011 तक रहेगी। वहां से लौटते ही खिलाड़ियों को उप महाद्वीप में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप की तैयारी में जुटना है जो फरवरी-मार्च में होगा। वर्ल्ड कप के तुरंत बाद आईपीएल आयोजित किया जा सकता है क्योंकि एफटीपी के मुताबिक भारतीय टीम को अप्रैल मई में चार टेस्ट और पांच वनडे खेलने के लिए वेस्टइंडीज जाना है।
जुलाई से सितंबर 2011 तक टीम इंग्लैंड में रहेगी जहां उसे चार टेस्ट और पांच वनडे खेलने हैं। इंग्लैंड की टीम इसके बदले में नवंबर में पांच वनडे खेलने के लिए भारत आएगी और इसी बीच वेस्टइंडीज भी तीन टेस्ट और पांच वनडे खेलने के लिए भारत पहुंच जाएगा। भारत का आस्ट्रेलियाई दौरा दिसंबर में शुरू होगा जहां वह चार टेस्ट मैच खेलेगा। वहां से लौटते ही टीम एशिया कप में भाग लेगी और फिर मार्च अप्रैल में पाकिस्तान की मेजबानी करेगी। इसके बाद के एफटीपी पर अभी विचार चल रहा है।